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सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए मरीजों को नहीं दिखाना होगा वोटर आईडी, दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार यानी आज बिहार के रहने वाले व्यक्ति की याचिका में सुनवाई करते हुए दिल्ली की सभी सरकारी स्कूलों को आदेश दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि जो नागरिक बाहर से आते हैं, उन्हें इलाज कराने से नहीं रोका जा सकता है। दरअसल लोकनायक अस्पताल (LNJP) केवल दिल्ली के निवासियों का फ्री में MRI टेस्ट करने की सुविधा दे रहा था, जिसके खिलाफ बिहार के एक निवासी ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने हाइकोर्ट से कहा था कि LNJP अस्पताल उन लोगों से भेदभाव करता है, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निवासी नहीं हैं। इसलिए अस्पताल ने उसके घुटने का MRI टेस्ट करने की तारीख 15 जुलाई 2024 दी है।

इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने कोर्ट से बताया कि LNJP के हास्पिटल के डॉक्टर ने कहा है कि फ्री MRI टेस्ट की सुविधा केवल दिल्ली के रहने वाले लोगों के लिए है, जिनके पास यहां का वोटर आईडी है। याचिकाकर्ता ने इसे भेदभावपूर्ण और मनमानी कार्रवाई बताया था।

दिल्ली सरकार के वकील ने याचिकाकर्ता के आरोप को बताया गलत
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कोर्ट को बताया कि अस्पताल किसी नागरिक के निवास के आधार पर कोई भेदभाव नहीं कर रहा है। उन्होंने याचिकाकर्ता के आरोप को गलत बताया। इसके साथ ही वकील ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता के पास कोई सबूत भी नहीं है कि उन्हें वोटर आईडी दिखाने के लिए कहा गया है। अस्पताल ने उपलब्धता के आधार पर MRI टेस्ट की तारीख दी है।

 

इलाज के लिए मरीजों को नहीं दिखाना होगा वोटर आईडी
दिल्ली हाइकोर्ट में न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने आदेश देते हुए कहा कि दिल्ली में सभी सरकारी अस्पतालों को सभी नागरिकों का उपचार करना होगा, चाहे मरीज का निवास स्थान कहीं का भी हो। इसके साथ ही इलाज के लिए मरीज को वोटर आईडी दिखाने के लिए जोर नहीं दे सकते हैं। वहीं न्यायमूर्ति ने LNJP अस्पताल को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता का MRI टेस्ट 26 दिसंबर को किया जाए।

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Source: National