नपुंसक बना रहा कोरोना, स्टडी का दावा- कोविड संक्रमितों का घट रहा स्पर्म काउंट
Covid-19 Male Fertility: कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन बीएफ-7 इस समय चीन, जापान, अमरीका सहित दुनिया के कई देशों में हाहाकार मचा रहा है। इस वेरिएंट के कई मरीज भारत में भी मिले है। जिससे सरकार अलर्ट मोड पर है। इस बीच एक स्टडी ने कोरोना को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस स्टडी के अनुसार कोरोना लोगों को नपुंसक बना रहा है। स्टडी का दावा है कि कोरोना संक्रमित हुए लोगों का स्पर्म काउंट घट रहा है। इससे मर्दों के पिता बनने का सपना टूट रहा है। यह स्टडी भारत के डॉक्टरों ने की है। स्टडी रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस पुरुषों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। स्टडी के दौरान कोरोना संक्रमित पुरुषों के सीमेन का एनालिसिस (स्पर्म काउंट टेस्ट) किया गया, जिसके चौंकाने वाले परिणाम सामने आए।
पटना, दिल्ली और मंगलगिरी एम्स के विशेषज्ञों की स्टडी
स्टडी का दावा है कि कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद सीमेन की क्वालिटी पहले जैसी नहीं रह जाती। यह स्टडी पटना, दिल्ली और मंगलगिरी (आंध्र प्रदेश) एम्स के विशेषज्ञों की टीम ने की है। टीम ने बताया कि एम्स में अक्टूबर 2020 से अप्रैल 2021 के बीच भर्ती हुए 19 से 43 वर्ष आयुवर्ग के बीच वाले 30 पुरुष कोरोना संक्रमितों को इस स्टडी में शामिल किया गया था। जिसके आधार पर यह रिपोर्ट निकली।
19 से 43 साल के बीच के मरीजों पर हुई स्टडी
टीम में शामिल एक्सपर्ट ने एम्स में भर्ती हुए 19 से 43 साल के बीच के कोविड मरीजों को पहला स्पर्म काउंट टेस्ट संक्रमण के तुरंत बाद किया। दूसरी बार ढाई महीने के बाद इनका सीमेन लेकर उसका विश्लेषण किया गया था। जांच में इन पुरुषों के सीमेन में SARS-CoV-2 नहीं पाया गया, लेकिन पहले टेस्ट में उनके सीमेन की गुणवत्ता काफी कमजोर पाई गई। दोबारा जब इनके सीमेन का टेस्ट किया गया तो वह पहले की तुलना में और कमजोर मिला।
क्यूरियस जॉर्नल ऑफ मेडिकल में प्रकाशित हुई है रिपोर्ट
क्यूरियस जॉर्नल ऑफ मेडिकल में प्रकाशित स्टडी रिपोर्ट के अनुसार, पहले सैंपलिंग में 30 में से 12 (40 फीसद) पुरुषों का स्पर्म काउंट कम पाया गया। 10 सप्ताह के बाद जब दूसरी बार जांच की गई तब भी 3 पुरुषों के सीमेन की गुणवत्ता काफी कमजोर पाई गई। पहले टेस्ट में 30 में से 10 पुरुषों का सीमेन कमजोर पाया गया।
राहत की बात यह है कि स्पर्म में कोरोना के अंश नहीं
चौंकाने वाली बात यह रही कि स्टडी में हिस्सा लेने वाले 30 पुरुषों में से 26 के सीमेन की थिकनेस, 29 में स्पर्म काउंट और 22 पुरुषों का स्पर्म मूवमेंट प्रभावित पाया गया। दूसरी जांच में स्थिति में सुधार पाया गया, लेकिन विशेषज्ञों ने बताया कि कोरोना संक्रमितों के सीमेन की गुणवत्ता 10 सप्ताह बाद भी पूर्व के स्तर तक नहीं पहुंच सका था। हालांकि राहत की बात यह है कि इस स्टडी में कोरोना संक्रमितों के स्पर्म में कोरोना वायरस या उसके अंश पाए जाने के कोई सबूत नहीं मिले।
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पिछले साल बेल्जियम की स्टडी में भी यही बात आई थी सामने
उल्लेखनीय हो कि भारत से पहले ऐसी ही एक स्टडी बेल्जियम में बीते साल हुई थी। उस स्टडी में भी यह बात सामने आई थी कि कोरोना वायरस पुरुषों के स्पर्म काउंट को घटा सकता है। तब फर्टिलिटी एंड स्टर्लिटी जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में बेल्जियम के 120 पुरुषों के सैंपल लिए गए थे, जिनकी औसत उम्र 35 वर्ष थी और कोरोना से उबरे कम से कम एक हफ्ते और औसतन 53 दिन हो चुके थे।
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Source: National