Story With Video: मौसम की मार से दो किसान बहनों के सपने हुए चकनाचूर, कैसे होगी बेटियों की शादी
शंकर लाल फु लवारियां
सीकर/रानोली. क्षेत्र में पाला पडऩे से कई किसानों के सपने चकनाचूर हो गए हैं तथा उनके सामने संकट खड़ा हो गया है। इनमें से एक है दो किसान बहनें। शिश्यू क्षेत्र की इनदो किसान बहनों ने कर्ज लेकर सरसों की खेती की थी। फसल के चौपट होने से उसके सपने बिखर गए। गिरदावरी नहीं होने से उनको मुआवजा नहीं मिलेगा। उनको चिंता सता रही है कि दो बेटियों की शादी कैसे हो पाएगी। गौरतलब है कि ग्राम पंचायत शिश्यू के रामसिंहपुरा के पास स्थित खेत में किसान बहने महिला संतोष ओला व भगवानी देवी ने एक लाख रुपए कर्जा लेकर 20 बीघा में सरसों की बुवाई की थी। पांच बीघा में प्याज व 15 बीघा में अन्य फसल बोई थी। उन्होंने उम्मीद लगा रखी थी कि 50 से 55 बोरी सरसों की हो जाएगी। लेकिन मौसम खराब होने से सब कुछ नष्ट हो गया। खराब हुई फ सल को लेकर इन्होंने गिरदावरी की मांग की लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। दुखी मन से दिल पर पत्थर से पूरी सरसों की फ सल पर ट्रैक्टर चलवा दिया। अब उनको चिंता सता रही है कि कर्जा कैसे चलेगा तथा घर परिवार का खर्चा। उनका कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी ध्यान दें इसकी समय पर गिरदावरी होकर मुआवजा मिल जाए तो घावों पर मरहम लग सकता है। किसान नेता अमराराम व पेमाराम ने बताया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन के समय केंद्र सरकार ने एमएसपी की गारंटी व किसानों के मुकदमे वापस लेने सहित कई मुद्दों पर समझौता किया थाए लेकिन उस दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया। इधरए पाले की वजह से राज्य में फसलें भी खराब हुई है। जिसकी गिरदावरी भी सही ढंग से नहीं की जा रही। ऐसे में किसानों में केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश है। लिहाजा दोनों सरकारों को चेताने के लिए किसानों ने आंदोलन के ट्रेलर के रूप में ट्रैक्टर रैली निकाली है। चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार अपने समझौते पर जल्द अमल व राज्य सरकार फसल खराबे का उचित मुआवजा नहीं देगीए तो किसान बड़ा आंदोलन करेंगे।
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