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Women's Health: रजोनिवृत्ति के बाद भी रक्तस्त्राव तो खतरा

Women’s Health: कई बार महिलाओं को पीरियड्स बंद होने के बाद (रजोनिवृत्ति) भी रक्तस्त्राव की शिकायत रहती है। इसे किसी भी हाल में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसा बच्चेदानी में किसी तरह के संक्रमण या तकलीफ शुरू होने से हो सकता है जिसकी समय पर जांच जरूरी है। बिना किसी कारण अनियमित रक्तस्त्राव, संभोग के बाद खून या सफेद द्रव्य आना, पेट में दर्द संग गंदे पानी का डिस्चार्ज भी इस कैंसर के लक्षण हैं। ज्यादातर महिलाएं सामान्य समझकर इसे नजरअंदाज कर देती हैं, ऐसा न करें।

महिला संबंधी कैंसर (गर्भाशय, ब्रेस्ट, ओवरी, बच्चेदानी, वेजाइनल कैंसर) के लक्षणों को समय रहते पहचानकर रोक सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भाशय व शहरों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले ज्यादा हैं। विदेशों की तुलना में देश में महिलाओं में होने वाले कैंसर की संख्या कम है लेकिन मृत्युदर का आंकड़ा अधिक।

संकोच नहीं खुलकर बोलें
महिलाएं जननांगों से जुड़ी किसी भी तकलीफ को छुपाने में समय न व्यर्थ करें। इससे सिर्फ रोग बढ़ता है जो मौत की एक वजह है। घर के अन्य सदस्य भी उनकी गिरती हुई सेहत को लेकर सतर्क रहें। सेहत में यदि कोई परिवर्तन हो रहा है तो खुलकर बात करें।

रोगी के साथ परिवार का सहयोग
रोग होने के बाद महिला मानसिक रूप से कमजोर हो जाती है। परिजनों व समाज के अन्य लोगों का सहयोग उसे मानसिक रूप से मजबूत बनाने में मददगार होता है।

एचपीवी वैक्सीन मददगार
10 – 26 वर्ष की उम्र के बीच की महिलाओं को एचपीवी वैक्सीन लगवानी चाहिए। कुछ मामलों में 45 की उम्र के बाद भी ये वैक्सीन लगाई जा सकती हैं। इस बात का ध्यान रखें कि यौन संबंध से पहले यह वैक्सीन लड़की को लग जाए तो सर्वाइकल कैंसर से बचाव संभव है।



Source: Health