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राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून लागू, पकड़े जाने पर मिलेगी सख्त सजा

Uttarakhand Anti copying law आखिरकार उत्तराखंड के राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह (सेनि.) ने नकल विरोधी कानून’ अध्यादेश को मंजूरी प्रदान कर दी है। उत्तराखंड राज्यपाल की इस सहमति के बाद नकल विरोधी कानून पूरे उत्तराखंड में लागू हो गया। नकल विरोधी कानून के लागू होने के बाद उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी ने खुशी जताते हुए कहाकि, बहुत दिनों से हम नकल पर एक कठोर कानून की तैयारी कर रहे थे। इस कानून के तहत अगर कोई नकल करते वक्त पकड़ा जाता है तो वह अगले 10 वर्षों तक परीक्षा में हिस्सा नहीं ले पाएगा। नकल करवाने वाले पकड़े जाने पर उन्हें 10 साल की कैद और उनकी सारी संपत्ति कुर्क होगी। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार शाम को एक बयान जारी करते हुए कहाकि, 12 फरवरी को होने जा रही पटवारी लेखपाल परीक्षा व अन्य सभी भर्ती परीक्षाएं नए कानून के तहत ही आयोजित होगी। बेरोजगार संघ की मांगों पर सहमति बन गई है।



सीबीआई जांच नहीं होगी

उत्तराखंड में परीक्षाओं में हो रही पेपर लीक और भर्ती घोटालों को लेकर बेरोजगार युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। बीते 2 दिनों से पूरे प्रदेश के युवाओं ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इस पर सरकार ने कहाकि, सीबीआई जांच की मांग को उत्तराखंड हाईकोर्ट अस्वीकार कर चुका है। हाईकोर्ट कह चुका है कि जांच सही दिशा में चल रही है, इसलिए इस प्रकरण की सीबीआई जांच नहीं कराई जा सकती।

अब सभी भर्ती परीक्षाओं में लागू होगा नया नकल विरोधी कानून

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, प्रदेश में अब जितनी भी भर्ती परीक्षाएं होंगी, उन सभी में नया नकल विरोधी कानून लागू होगा। इस कानून में जुर्माने और सजा का बहुत कठोर प्रावधान किया गया है। सबसे सख्त कानून जो हो सकता है, वो हमने बनाने का काम किया है। इस कानून के तहत आजीवन कारावास तक की सजा के अलावा दस करोड़ रुपए तक के जुर्माने के प्रावधान किए गए हैं।

रद परीक्षाओं के लिए नहीं लिया जाएगा शुल्क

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, हम किसी भी कीमत पर छात्रों का हित चाहते हैं। इसीलिए जिन भी परीक्षाओं में गड़बड़ियां पाई गईं, राज्य सरकार ने उन्हें तत्काल रद्द कर दिया और नई तिथि घोषित की। अभ्यर्थियों को असुविधा न हो, इसके लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में परीक्षा के लिए आने पर निशुल्क व्यवस्था की। परीक्षा शुल्क भी नहीं लिया गया।

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Source: National