रक्षा अकादमियों के तहत एनएसएस और आरएमएस की प्रवेश प्रक्रिया को जानिए
भारत के रक्षा बलों (Indian Defence Forces) में देखने के इच्छुक माता पिता उन्हें पांच राष्ट्रीय सैन्य स्कूलों (National Sainik Schools) (आरएमएस) (RMS) में से एक या 33 सैनिक स्कूलों (Sainik School) में से किसी एक में डाल सकते हैं। जल्द ही अलवर, रुद्रप्रयाग व वारंगल में तीन और सैनिक स्कूल स्थापित किए जाएंगे। जानें इनमें प्रवेश के तरीके क्या हैं। राष्ट्रीय सैन्य स्कूलों यानी आरएमएस को रक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में प्रशासित किया जाता है। पिछले अंक में नए सैनिक स्कूलों की स्थापना और राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज यानी आरआइएमसी के बारे में पढ़ा था। साथ ही यह भी जाना था कि इनमें प्रवेश प्रक्रिया क्या है और प्रवेश के लिए किन बातों को आधार माना जाता है। आज के अंक में हम नए सैनिक स्कूलों और राष्ट्रीय सैनिक स्कूलों में प्रवेश के तरीके को जानेंगे-
नए सैनिक स्कूलों (एनएसएस) में प्रवेश:
एनएसएस (NSS) वर्टिकल के लिए एआइएसएसईई (AISSEE) के आधार पर पहले से नामांकित या नए उम्मीदवारों से कक्षा 6 में नए प्रवेश लेता है। 40 प्रतिशत और 60 प्रतिशत रूट के तहत एनएसएस की कक्षा 6 के लिए पात्रता मानदंड एसएस के लिए लागू हैं। बाद में यह ग्रेडेड तरीके से होगा। एनएसएस में प्रवेश एसएसएस के निर्देशानुसार होता है। यहां प्रवेश के लिए दो चैनलों के लिए योग्यता तय है।
40 फीसदी रूट के मामले में उम्मीदवार किसी भी एनएसएस का विकल्प चुन सकता है। यदि कैंडिडेट द्वारा चुने गए संयोजन में एसएस शामिल है तो उसे आवेदन करते समय एसएस का चयन करना होगा।
एनएसएस के दो चैनल
पहला रूट 40 फीसदी – स्वीकृत एनएसएस में न्यूनतम 40 प्रतिशत तक सीटें अखिल भारतीय मेरिट सूची में प्राप्त रैंक के आधार पर भरी जाती हैं। इस मेरिट सूची के लिए अधिवास और श्रेणी पर विचार नहीं किया जाता है। काउंसलिंग के समय उम्मीदवार भारत में किसी भी अनुमोदित एनएसएस यानी नए सैनिक स्कूल का विकल्प चुन सकते हैं।
दूसरा रूट 60 फीसदी- एनएसएस में 60 प्रतिशत तक सीटें उन लोगों द्वारा भरी जाती हैं जो वर्तमान में अनुमोदित एनएसएस में पढ़ रहे हैं। ये स्कूल वार मेरिट लिस्ट में प्राप्त रैंक के आधार पर भरे जाते हैं। इस मेरिट सूची के लिए अधिवास या किसी श्रेणी पर विचार नहीं किया जाता है। माना जाता है कि कैंडिडेट ने इस रूट के तहत प्रवेश के लिए स्वीकृत एनएसएस का विकल्प चुना है जहां वे वर्तमान में अध्ययन कर रहे हैं। (जैसा कि उन्होंने पत्र में दर्शाया होता है।)
राष्ट्रीय सैन्य स्कूलों (आरएमएस) में प्रवेश
आरएमएस कक्षा 6ठीं से 9वीं में फ्रेशर्स को लेता है। कक्षा 6 में प्रवेश के समय (31 मार्च को) उम्मीदवार की आयु 10-12 वर्ष और कक्षा 9 के लिए 13-15 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी)- लगभग 350 सीटों के लिए कक्षा 6ठीं से 9वीं में प्रवेश के लिए सीईटी दिसंबर में आयोजित होता है। कक्षा ६ के लिए प्रश्न-पत्र का माध्यम अंग्रेजी या हिन्दी है और कक्षा 9 के लिए सिर्फ अंग्रेजी माध्यम। कक्षा 6 के लिए अंग्रेजी, इंटेलिजेंस टेस्ट, गणित, सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स जैसे विषय हैं। वहीं, कक्षा 9 के लिए पेपर 1 जिसमें अंग्रेजी, हिन्दी व सामान्य विज्ञान और पेपर 2 जिसमें गणित व विज्ञान विषय प्रमुख रूप से शामिल होते हैं।
सीईटी के बाद इंटरव्यू में सफल और योग्य कैंडिडेट को मेडिकल टेस्ट देना होता है। मिनिस्ट्री ऑफ डिफंैस के आइएचक्यू द्वारा सफल कैंडिडेट की मेरिट सूची व स्कूल आवंटित होता है। स्कूल में उपलब्ध योग्यता और रिक्ति के आधार पर विशुद्ध रूप से स्कूल आवंटित करते हैं। विभिन्न श्रेणियों के आधार पर आरक्षण तय हैं- सेना/वायुसेना/नौसेना के जेसीओ/ ओआर के वार्डों के लिए 70 फीसदी। सेना/वायुसेना/नौसेना के अधिकारियों व नागरिकों के वार्डों के लिए 30 फीसदी। 50 सीटें (किसी भी स्कूल में 15 से ज्यादा नहीं) कार्यवाई में मारे गए कर्मियों के बच्चों के लिए आरक्षित। उपरोक्त सभी श्रेणियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए 15 फीसदी व 7.5 फीसदी सीटें आरक्षित हैं। एनएसएस के लिए लिखित परीक्षा के बाद ई-काउंसलिंग, सक्षम चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित मेडिकल फिटनेस व डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होता है।
ऐसे करना होगा आवेदन
उम्मीदवारों को https://aissee.nta.nic.in पर एक ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा, चाहे वे एसएस या एनएसएस या दोनों के लिए आवेदन करना चाहते हों।
Source: Education