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SURAT NEWS : शैशवास्था में ही खत्म हो गया श्रीलंका में सूरती कपड़े का कारोबार

दिनेश एम.त्रिवेदी

सूरत. चार साल पूर्व तक सूरती साडिय़ों व सूट ने पड़ोसी श्रीलंका में अपना बाजार बनाने की शुरूआत कर दी थी। वहां के कारोबारी भी सीधे सूरत आकर खरीदारी करने लगे थे, लेकिन कोरोना महामारी ने सूरत व श्रीलंका के बीच पनप रहे कारोबारी रिश्ते को शैशवावस्था में ही खत्म कर दिया। सूरत के कुछ व्यापारियों को श्रीलंका में हालात सुधरने तथा फिर से व्यापारिक रिश्ते बनने की उम्मीद जगी है।

कपड़ा कारोबारी गणपत त्रिवेदी ने बताया कि दो दशक पूर्व तक श्रीलंका के साथ भारत का अधिकतर कपड़ा कारोबार दक्षिण भारत से ही होता था। वाया चेन्नई सूरती साडिय़ां व सूट श्रीलंका पहुंचे और वहां छोटे स्तर पर ही सही बाजार बनने लगा था। सूरत के व्यापारियों ने भी श्रीलंकन टेस्ट (काला, स्लेटी व चटख रंग) की साडिय़ां व सूट बनाना शुरू किया।

श्रीलंका के कई कारोबारी भी चेन्नई के बिचौलियों को छोड़ कर खरीदारी के लिए सूरत सीधे सूरत आने लगे थे। वे अपनी ट्रिप के दौरान एक पार्सल वाया मुंबई साथ ले जाते और शेष पार्सल वाया चेन्नई श्रीलंका मंगवाते थे। श्रीलंका से सूरत कारोबार बेहद धीमी गति से बढ़ रहा था और वहां से सूरत आने वाले कारोबारियों की संख्या भी धीरे धीरे बढ़ रही थी।

2020 में कोरोना महामारी में सब कुछ बदल गया। दुनिया के अधिकतर देशों में लॉकडाउन के चलते पर्यटन आधारित श्रीलंका की अर्थव्यवस्था धराशाही हो गई। श्रीलंकन कारोबारियों ने भी मुंह मोड़ लिया। वहां लगातार मुद्रा अवमूलन, महंगाई, बेरोजगारी परेशान जनता ने जन विद्रोह कर सरकार का तख्ता पलट कर दिया।

अंतरराष्ट्रीय मदद के बाद धीरे धीरे हालात सामान्य हो रहे है। चेन्नई से श्रीलंका के साथ फिर से व्यापार शुरु हो रहा है। ऐसे में सूरती व्यापारी भी उम्मीद कर रहे हैं कि श्रीलंका के साथ फिर से व्यापारिक रिश्ते बनेंगे।

महंगा पड़ता है सूरत का कपड़ा

श्रीलंकन रुपए की हालत खराब है। फिलहाल एक डॉलर के लिए करीब साढ़े तीन सौ श्रीलंक न रुपए खर्च करने पड़ते है। जिसकी वजह से सूरत का कपड़ा श्रीलंका को बहुत महंगा हो गया है।
– गिरधारी पंजाबी (एक्सपोर्टर)
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Source: Lifestyle