Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि के तीसरे दिन ऐसे करें माता चंद्रघंटा की पूजा, जपें यह मंत्र
ऐसा है माता चंद्रघंटा का स्वरूपः धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है माता चंद्रघंटा शेर पर सवार होती हैं, इनके दस हाथ हैं, जिनमें से चार हाथ में कमल का फूल, धनुष, जपमाला और तीर सुशोभित हैं और पांचवां हाथ अभय देने की मुद्रा में होता है, जबकि चार अन्य हाथों में त्रिशूल, गदा, कमंडल और तलवार हैं और एक हाथ वरद मुद्रा में है। ग्रंथों में माता का यह रूप बेहद कल्याणकारी माना गया है।
चैत्र नवरात्रि का प्रारंभः चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो रही है। इसके तीसरे दिन यानी 24 मार्च को माता चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय का कहना है कि नवरात्रि 2023 के तीसरे दिन इस तरह से माता चंद्रघंटा की पूजा करनी चाहिए।
1. एक चौकी पर मां चंद्रघंटा की प्रतिमा या तस्वीर रखें। इसे गंगाजल से शुद्ध करें।
2. इसके बाद चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करने के बाद पूजन का संकल्प लें।
3. इसके बाद वैदिक मंत्रों और दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से मां चंद्रघंटा और अन्य देवी देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें (इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि अर्पण आदि की प्रक्रिया अपनाएं)।
4. इस प्रक्रिया के बाद प्रसाद बांटें और पूजन संपन्न करें।
5. माता से पूजा में त्रुटि के लिए क्षमा मांगे और प्रार्थना करें कि वो भक्त पर कृपा बनाएं रखें और उनका दुख हरें।
माता चंद्रघंटा के मंत्रः माता चंद्रघंटा की पूजा के दो प्रमुख मंत्र माने गए हैं। नवरात्रि के तीसरे दिन इन मंत्रों का कम से कम 11-11 बार जाप करना चाहिए।
मंत्र 1: पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता, प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता।
मंत्र 2: या देवी सर्वभूतेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
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इन उपायों से करें मां चंद्रघंटा को प्रसन्न
1. मां चंद्रघंटा की पूजा में भूरे या ग्रे रंग की भेंट मां को अर्पित करना चाहिए, इस रंग का कपड़ा भी भक्त पहन सकते हैं। साथ ही सुनहले रंग का वस्त्र पहनकर पूजा करने से भी मां की कृपा पाई जा सकती है।
2. देवी माता के इस स्वरूप को दूध, मिठाई, शहद और खीर का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा इस दिन कन्याओं को भी खीर, हलुआ और मिठाई खिलानी चाहिए। इससे माता चंद्रघंटा की कृपा प्राप्त होती है और हर बाधा दूर होती है।
3. मां चंद्रघंटा के बीज मंत्र ऐं श्रीं शक्तयै नमः का जाप भी नवरात्रि के तीसरे दिन शुभ माना जाता है। इसके अलावा भक्त देवी मां के महामंत्र या देवी सर्वभूतेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः का जाप कर भी माता की कृपा पा सकते हैं।
Source: Dharma & Karma