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Shani dev Ko Khush Karne ke upay: बिगड़ रहे हैं बनते काम, आ रहीं बाधाएं, तो शनिवार को जरूर करें ये 6 काम, शनि की ढैया भी नहीं करेगी परेशान

Shani Dev Ko Khush Karne Ke Upay, Shaniwar ke Upay, Shani dhayya Upay : सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी या देवता को समर्पित माना गया है। तो शास्त्रों के अनुसार शनिवार का दिन न्याय के देवता शनि देव को समर्पित माना गया है। यानी यह दिन शनि देव की पूजा-अर्चना करने और उन्हें खुश करने का दिन माना गया है। माना जाता है कि न्याय के देवता शनि प्राणियों के कर्मों के आधार पर उसके साथ न्याय करते हैं। कहा जाता है कि यदि शनि देव किसी से रुष्ट हो जाएं तो, फिर उसका सर्वनाश होते देर नहीं लगती। यही बड़ा कारण है कि हर कोई चाहता है कि शनिदेव उनसे प्रसन्न रहें। पत्रिका.कॉम के इस लेख में जाने शनि को प्रसन्न करने के ऐसे 6 उपाय, जिन्हें हर शनिवार को किया जाए, तो शनि की साढ़े साती से लेकर महादशा और ढैया तक की परेशानियां कम की जा सकती हैं।

ऐसे प्रसन्न रहते हैं शनि देव

1. काली गाय की ऐसे करें सेवा
आपकी कुंडली पर शनि का साया भारी हो रहा हो, तो इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए शनिवार को काली गाय की सेवा करनी चाहिए। घर में बनी पहली रोटी उस गाय को खिलाएं। उसे सिंदूर से तिलक लगाएं। इसके बाद उसके सींग में मौली बांधकर उसे मोतीचूर के लड्डू खिलाएं। ऐसा करने से शनि की कृपा बरसती है।

2. गले में पहनें काला धागा
शनि देव को प्रसन्न करने के कई उपायों में से एक उपाय यह भी है कि आप शनिवार को अपने हाथ के नाप का 29 हाथ लंबा काला धागा लें, उसकी माला बनाएं और गले में धारण करें।

3. सूर्योदय से पहले करें ये काम
हर शनिवार को सूर्योदय से पहले वट या बरगद और पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके साथ ही शुद्ध कच्चा दूध और धूप भी उन्हें अर्पित करें।

4. इस उपाय से शनि की ढैया से मिलेगी राहत
अगर आप पर शनि की ढैया चल रही है तो, उसके अशुभ प्रभावों से बचने के लिए शुक्रवार की रात 8 सौ ग्राम काले तिल पानी में भिगो लें। शनिवार की सुबह उन्हें पीस लें। इसके बाद उस पेस्ट को गुड़ में मिलाकर 8 लड्डू बना लें। इसके बाद उन लड्डुओं को किसी काले घोड़े को खिला दें। लगातार 8 शनिवार तक ऐसा करने से शनि देव खुश होकर आशीर्वाद देते हैं।

5. पीपल के पेड़ की करें सेवा
कुंडली में शनि की साढ़ेसाती लगने पर शनिवार को अंधेरा होने के बाद पीपल के पेड़ के पास जाएं। अब इसकी जड़ों में मीठा जल अर्पित करें। फिर सरसों के तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। इसके बाद वहीं बैठ जाएं और भगवान हनुमान, भैरव और शनि चालीसा का पाठ करें। पाठ पूरा होने के बाद पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा करें।

6. महामृत्युंजय मंत्र का करें जाप
अगर आप किसी लाइलाज बीमारी से जूझ रहे हैं, तो रोजाना महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। साथ ही शनिवार को एक कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें तांबे का सिक्का डालें अब इस कटोरी को घर के किसी अंधेरे भाग में रख दें। माना जाता है कि ऐसा करने से शनि का क्रोध शांत होता है और शनि के दुष्प्रभावों से राहत मिलती है।

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Source: Dharma & Karma