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प्रशिक्षण लेकर अब किसान करेंगे प्राकृतिक खेती, बढ़ाएंगे अपनी आय

उमरिया. स्थानीय दुर्गावती भवन में प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। विकास संवाद के इस आयोजन में तकनीकी सहयोग कृषि विज्ञान केंद्र उमरिया का रहा। कार्यक्रम में आकाशकोट क्षेत्र के किसानों के साथ जिले के सामाजिक कार्यकर्ता स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक सहित 200 महिला पुरुष शामिल हुए।
वरिष्ठ वैज्ञानिक व कृषि विज्ञान केंद्र प्रमुख डॉ. केपी तिवारी ने प्राकृतिक खेती की बारीकियां बताते हुए उन्होंने बीजामृत, जीवामृत, घन जीवामृत, ब्रह्मास्त्र, अग्नियास्त्र एवं दशपर्णी अर्क तैयार करने उनका उपयोग एवं मात्रा के बारे में विस्तार से बताया। इसके साथ ही उन्होंने बीज तैयार करने, भूमि उपचार, बीज उपचार, अंतर्वर्ती फसल, मिश्रित फसल को भी विस्तार से समझया। कार्यक्रम को कार्यक्रम सहायक कुंदन मुवेल, प्राध्यापक मॉडल कॉलेज उमरिया डॉ अभय पांडेय, कृषक जगदीश पयासी, जनपद पंचायत करकेली के कृषि समिति के सभापति चंदन सिंह एवं अनिल मिश्र ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शेख धीरज एवं संचालन विकास संवाद के जिला समन्वयक भूपेंद्र त्रिपाठी ने किया। आयोजकों द्वारा किसानों को समझाने के लिए प्राकृतिक खेती के मॉडल तैयार कर एवं कई तरह के पोस्टर की प्रदर्शनी तैयार की थी। जिसमें नाडेप, वर्मी कंपोस्ट, अजोला काई, बीज बैंक जीवामृत, घन जीवामृत, बायोचार, दशपर्णी, ब्रह्मास्त्र, अग्नियास्त्र एवं पोषण वाटिका का विशेष आकर्षण रहा।
उपार्जन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी गठित
रबी वर्ष 2022- 23 (विपणन वर्ष 2023-24) में ई उपार्जन पोर्टल पर चना, मसूर एवं सरसों के उपार्जन का कार्य 25 मार्च से प्रारंभ हो गया है जो आगामी 31 मार्च तक चलेगा। चना, मसूर, सरसो के उपार्जन कार्य के क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर डा कृष्ण देव त्रिपाठी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में जिला लीड बैंक अधिकारी, उप संचालक कृषि, सहायक आयुक्त सहकारिता, जिला सूचना अधिकारी एन आईसी, महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, जिला विपणन अधिकारी मार्कफेड, एमपीडब्ल्यूएलसी की जिला मुख्यालय शाखा के प्रबंधक, अधीक्षक भू अभिलेख, सचिव, कृषि उपज मण्डल सदस्य तथा जिला आपूर्ति नियंत्रक जिला आपूर्ति अधिकारी सदस्य सचिव बनाए गए है। समिति उपार्जन नीति में दिए गए निर्देशों के अनुसार चना, मसूर एवं सरसो के उपार्जन का कार्य करेगी।
उपार्जन के लिए केन्द्र निर्धारित
कलेक्टर डॉ. कृष्ण देव त्रिपाठी ने बताया कि चना, मसूर, सरसो का पंजीकृत किसानों से उपार्जन का कार्य 31 मार्च तक किया जाना है। जिले में चना, मसूर, सरसो उपार्जन नीति 2023-24 के प्रावधानों के तहत पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर उपार्जन किए जाने के लिए उपार्जन केंद्र निर्धारित किए गए हैं। इसमें बांधवगढ तहसील में डब्ल्यूएलसी उमरिया में समिति विपणन सहकारी समिति मर्यादित उमरिया द्वारा, चंदिया तहसील में कृषि उपज मण्डी चंदिया में समिति आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित पिण्ड्रा द्वारा तथा मानपुर तहसील में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित मानपुर मण्डी परिसर में समिति आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित मानपुर द्वारा उपार्जन का कार्य किया जाएगा।



Source: Education