जन्मकुंडली में बुध की स्थिति बनाती है दुनिया भर में मशहूर, जानें कैसे देखा जाता है बुध का प्रभाव
Budh in Janam Kundli: Effects in different-different house: बुध को सभी ग्रहों में राजकुमार ग्रह माना जाता है। ये मिथुन और कन्या राशि के स्वामी माने जाते हैं। मीन इनकी नीच राशि है तथा कन्या इनकी उच्च राशि मानी जाती है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में बुध को विद्या, वाणी, लेखन, प्रकाशन, शिक्षण, बैंकिंग कार्य, वकालत, चार्टर्ड एकाउंटेंट, गीत-संगीत, व्यापार, सलाहकार तथा कुशल वक्ता के रूप में सफलता दिलाने वाले ग्रह के रूप में जाने जाते हैं जो, जन्मकुंडली में इनकी स्थिति पर निर्भर करता है। माना जाता है कि ये लग्न, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, नवम, दशम तथा एकादश भावों में शुभ फल देने वाले होते हैं। इनके द्वारा या इनकी युति से बनने वाले प्रमुख योगों में भद्र योग, बुधादित्य योग, लक्ष्मी-विष्णुयोग, कुशल वक्ता योग प्रमुख हैं। पत्रिका.कॉम के इस लेख में उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. अमर अभिमन्यु डब्बावाला से जानें जन्म कुंडली में बुध की स्थिति अलग-अलग भावों में किस तरह के प्रभाव देने वाली होती है?
प्रथम भाव में बुध देता है ऐसे प्रभाव
जन्म कुंडली के इस भाव में बुध का रहना सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। अपनी राशि में रहने पर ये लोगों को बुद्धि, वाक्चातुर्यता तथा शारीरिक सुंदरता देते हैं। ऐसा व्यक्ति सामाजिक पद-प्रतिष्ठा पाता है। ऐसा वाक्चातुर्य देते हैं कि उस व्यक्ति की कही गई बातों को लोग बड़े ही ध्यान से सुना जाता है। सूर्य के साथ यदि बुध विराजे हों तो और इनकी आपस में 10 अंश की दूरी भी हो तो, बुधादित्य योग का निर्माण होता है, यह योग व्यक्ति को जीवन में सफलताओं के चरम तक ले जाता है। ऐसा व्यक्ति मिलन सार और मृदुभाषी होता है।
द्वितीय भाव बुध देता है ऐसे प्रभाव
जन्मकुंडली के इस भाव में विराजमान बुध जातक को बुद्धिमान, कुशल वक्ता तथा अपनी योजनाओं को फलीभूत करवाने वाला बनता है। ऐसे लोगों को खोया हुआ धन मिलता है। इनके जीवन में आकस्मिक धन लाभ के योग बने रहते हैं। अपने घर में विराजमान रहने पर यह व्यक्ति को गीत-संगीत के क्षेत्र में अच्छी प्रतिष्ठा दिलाते हैं। ऐसा व्यक्ति न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास करने वाला, दूसरों की मदद करने वाला और अपने दम पर धन अर्जित करने वाला होता है।
तृतीय भाव बुध देता है ऐसे प्रभाव
जन्म कुंडली के इस भाव में बुध के विराजमान रहने ये लोग अपने बंधुओं से स्नेह अर्जित करते हैं। इनके द्वारा किए गए निर्णयों और कार्यों की सराहना हर तरफ होती है। ऐसे लोग रूढि़वादिता का भी शिकार हो जाते हैं। धर्म और अध्यात्म में इनकी गहरी आस्था होती है। ये घूमने फिरने के शौकीन होते हैं। वहीं ये लोग विदेश प्रवास में रुचि रखने वाले होते हैं। अपने घर में विराजमान रहने पर बुध मनोनुकूल परिणाम देते हैं, लेकिन नीच राशि मीन में रहने पर मानसिक विकार भी उत्पन्न कराते हैं।
चतुर्थ भाव बुध देता है ऐसे प्रभाव
जन्म कुंडली के इस भाव में विराजे रहने पर बुध व्यक्ति को स्वाभिमानी, कुशल वक्ता, सफल उद्यमी तथा परिश्रमी बनाते हैं। जातक अपने ही दम पर अपना मकान और वाहन सुख प्राप्त करता है। इनके मित्रों की संख्या कम रहती है। पाप ग्रहों के साथ रहने पर यह व्यक्ति को वासनाओं की ओर जाने के लिए प्रेरित करते हैं। शिक्षण कार्य, लेखन, पठन-पाठन तथा प्रशासनिक कार्यों में अच्छी सफलता दिलाते हें। इन्हें जनप्रिय बनाते हैं। ऐसे लोगों में नेतृत्व शक्ति की प्रधानता रहती है।
पंचम भाव बुध का प्रभाव
जन्म कुंडली के इस भाव में विराजमान बुध किसी भी व्यक्ति के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यदि ये अपने घर में हों तो ऐसा जातक गायक, संगीतज्ञ, तथा ललित कलाओं का प्रेमी होता है। साधारण से परिवार में जन्म लेने पर भी ऐसे लोग अपनी कुशल बुद्धि के बल पर समाज में अच्छा मान-सम्मान पाते हैं। ऐसे लोग दूसरों से प्रेम करने वाले, शिक्षा देने वाले और समाज में खुद को एक उदाहरण बनाकर पेश करने में कामयाब होते हैं। कुल मिलाकर ये सफल जीवन जीने वाले होते हैं।
छठे भाव में बुध का प्रभाव
किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में बुध इस भाव में हैँ, तो व्यक्ति के जीवन में मिश्रित फल देने वाले होते हैं। इस भाव में बुध के रहने से गुप्त शत्रुओं की अधिकता रहती है, ऐसे लोगों के शत्रु पढ़े-लिखे और सहकर्मी ही होते हैं। इन लोगों को पूरा जीवन कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने में ही बीत जाता है। कई बार इन लोगों के जीवन में काफी उतार-चढ़ाव भी आता है। यदि बुध मिथुन अथवा कन्या राशि में हों तो, इन घटनाओं में कुछ कमी देखी जाती है। ऐसे लोग विदेशी प्रवास का सुख भी पाते हैं।
सप्तम भाव में बुध का प्रभाव
जन्म कुंडली के इस भाव में विराजे हैं, तो बुध अति शुभ फल देते हैं। ये लोग बिजनेस के क्षेत्र में अच्छी सफलता हासिल करते हैं। इनका दांपत्य जीवन सुखद रहता है। किंतु यदि ये शनि के साथ विराजे हों, तो शुभ फल नहीं देते। बुध अपनी राशि के हों तो ऐसे लोगों को ससुराल पक्ष से सहयोग मिलता है और धन का आगमन होता रहता है। ऐसे लोग दीर्घजीवी, प्रसिद्ध, यशस्वी और कुशल प्रशासनिक अधिकारी होते हैं। अहंकार के कारण ये लोग अक्सर अपना ही नुकसान करा लेते हैं।
अष्टम भाव बुध का प्रभाव
जन्म कुंडली के इस भाव में बुध विराजे, तो मिला-जुला फल ही देते हैं। ऐसे लोगों को कहीं न कहीं स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझना होता है। इन्हें चर्मरोग, एलर्जी, हड्डी और पेट से संबंधित परेशानियां रहती हैं। अपने घर में विराजे बुध व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य और सामाजिक पद-प्रतिष्ठा भी दिलाते हैं। मकान वाहन का सुख तो मिलता ही है सभी भौतिक सुविधाओं का सुख भी मिलता है। ये किसी न किसी सरकारी संस्था के द्वारा भी सम्मानित किए जाते हैं।
नवम भाव में बुध का होना
किसी भी व्यक्ति की कुंंडली में बुध यदि इस भाव में विराजते हैं तो इन्हें बेहतरीन सफलता दिलाने वाले होते हैं। ऐसा व्यक्तिधर्म-कर्म में रुचि रखने वाला धार्मिक ग्रंथों का संपादन करने वाला, प्रकाशक और कुशल वक्ता होता है। कई बार सामाजिक जिम्मेदारियों का दबाव इन पर नजर आता है। बुध अपने घर में विराजमान हों तो, फल दोगुना हो जाता है। ऐसे लोग जीवन में प्रसिद्धि पाते हैं। विदेशी भ्रमण पर जाते हैं। विदेशों में उच्च पदों पर विराजते हैं।
दशम भाव में बुध का होना
जन्म कुंडली के इस भाव में विराजमान बुध व्यक्ति को मिलनसार, न्यायिक प्रक्रिया का पालन करने वाला, कुशल प्रशासक और समाज सेवी बनाते हैं। सामान्य परिवार में जन्म लेने के बावजूद ये लोग जीवन में सफलता के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचते हैं। यदि बुध अपनी राशि में विराजे हों या फिर कोई बड़ा योग बनाए हों तो, इन्हें दुनिया भर में प्रसिद्धि मिलती है। सभी तरह का निर्णय लेने में ये लोग कुशल, साहसी और निर्भीक प्रकृति के होते हैं।
एकादश भाव में बुध की स्थिति
जन्म कुंडली के इस भाव में विराजे बुध व्यक्ति को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनाते हैं। ये लोग नौकरी करें या फिर बिजनेस ये सफलता इनके कदम चूमती है। ये लोग कुशल गणितज्ञ, ज्योतिषी, न्यायिक प्रक्रिया में रुचि रखने वाले, लेखन तथा प्रकाशन के क्षेत्र में अच्छी सफलता और प्रसिद्धि पाते हैं। बुध अपने घर में विराजे हों तो छोटे स्तर से कार्य शुरू करने वाले ये लोग बड़े व्यापारी बनते हैं। इनके चाहने वालों की एक लंबी लिस्ट होती है। गीत-संगीत में इनकी रुचि हो, तो ये लोग अपनी पहचान बनाने में कामयाब होते हैं।
द्वादश भाव में बुध की स्थिति
जन्म कुंडली के इस भाव में विराजे बुध अप्रत्याशित फल देने वाले होते हैं। ऐसे लोगों का जीवन काफी उतार-चढ़ाव से भरा होता है। यात्राओं के प्रेमी और धार्मिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले ऐसे लोग बेतहाशा सामाजिक प्रतिष्ठा पाते हैं। ऐसे लोग धार्मिक ट्रस्टों, वृद्ध आश्रमों तथा मंदिरों में दान करने वाले होते हैं। बुध अपने घर में विराजे हों तो, ऐसे लोग विदेशी कंपनियों में बड़े पदों पर नौकरी प्राप्त करते हैं और अपने दम पर विदेश प्रवास भी करते हैं।
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Source: Science and Technology News