UPPCS Success Story: 3 बार हारने के बाद SDM बनीं सल्तनत परवीन, कहानी जानकर रो देंगे आप
UPPCS 2022 की परीक्षा के नतीजों का ऐलान हो चुका है। लखनऊ के अलीगंज में रहने वाली सल्तनत परवीन ने छठी रैंक हासिल की है। दुकान चलाने वाले बेटी की सफलता की कहानी इतनी आसान नहीं रही। कई सालों से वह इस दिन की राह देख रही थी। 7 साल के बड़े इंतजार के बाद आज उन्हें इंतजार और मेहनत का फल मिला है।
कई बार असफल होने पर सल्तनत ने हार नहीं मानी
सल्तनत की कहानी किसी फिल्मी से कम नहीं रही, तीन बार असफल हुई इंटरव्यू तक पहुंचकर कभी किसी परीक्षा में दस नंबर से नाकाम हो रही थी तो किसी में चार नंबर से रुक रहा था। इन सबके बीच उनको संभालने के लिए उनके दोस्त और परिवार ने उनका उस समय साथ दिया, जब हर जगह से उन्हें निराशा हाथ लग रही थी।
एक समय ऐसा आया जब वह हार मान चुकी थी, उन्हें लगने लगा था कि वह इस परीक्षा को पास नहीं कर सकती, उन्हे तैयारी छोड़ देनी चाहिए। कोई दूसरी नौकरी कर लेनी चाहिए लेकिन परिवार और दोस्तों ने उन्हें हार नहीं मानने दी और चौथी बार एक बार फिर उन्हें परीक्षा के लिए तैयार किया और पीसीएस 2022 की परीक्षा में उन्होंने छठा स्थान हासिल कर अपने दोस्त और परिवार को अपनी सफलता का हकदार बताया है।
पिता चलाते हैं दुकान
सल्तनत के पिता मोहम्मद शमीम खान जनरल स्टोर की दुकान चलाते हैं। मां आशिया खान गृहिणी हैं। बेटी को पढ़ाने के लिए कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हर कोई बोलता था बेटी को पढ़ाने से क्या होगा, जब सल्तनत ने हार मानी थी उस समय भी पूरे परिवार ने उसे हिम्मत दी थी।
माता-पिता ने आगे बताया कि जब बिटिया का तीन बार परीक्षा में नाम नहीं आया था तो उसको हार नहीं मानने दी। उसको हर वक्त हौसला दिया और यही कहा कि इस बार नहीं तो अगली बार जरूर नाम आएगा। यही वजह थी कि बिटिया ने आज यह दिन दिखाया है। हालांकि मां कहती हैं कि उनकी बिटिया सल्तनत परवीन काफी काबिल है, उस हिसाब से जो पद मिला है वह उन्हें छोटा लगता है।
पढ़ाई में भी रही हैं टॉपर
सल्तनत परवीन ने बताया कि उन्होंने लखनऊ के ही अलीगंज न्यू वे सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई की है। इसके बाद लखनऊ की ही इंटीग्रल यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय से 2016 में उन्होंने बीटेक किया। सभी परीक्षा में अच्छे नंबर से सफल हुई है।
संघर्ष बताते हुए हो गईं भावुक
सल्तनत अपनी संघर्ष की कहानी बताते हुए काफी भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि जो बच्चे इस बार असफल हुए हैं। उन्हें हार नहीं माननी चाहिए। उन्हें सल्तनत परवीन की कहानी देखनी चाहिए। जिन्हें तीन बार असफलता मिली। लेकिन अब वह सफल हो गई हैं। उन्होंने कहा कि कार्यभार संभालने के बाद महिलाओं की शिक्षा और बच्चों के विकास से जुड़ी योजनाओं पर ज्यादा काम करना पसंद करेंगी।
Source: Lifestyle