Misophonia: क्या सामान्य आवाज जैसे 'जोर से बोलना या सांस लेने ' से आप चिढ़ जाते है ? जानिए ऐसा क्यों होता है
Misophonia: दरवाज़ा खुलना या बंद होना, लोगों का जोर-जोर से बात करना, गाड़ियों का गुजरना, या किसी के जोर से सांस लेने की आवाज़ यह सभी सामान्य आवाज़ें हैं जो हमारी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा है। फिर भी इन आवाज़ों को सुनकर हम में से कई लोग चिंता, एंग्जायटी या चिड़चिड़ापन महसूस करने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस तरह के साउंड्स उनके अंदर नेगेटिव इमोशन पैदा करते हैं जिसके कारण उनका रिएक्शन भी नेगेटिव होता है। अक्सर उनके इस चिड़चिड़ेपन को लोग यह कहकर टाल देते हैं की ‘इसकी तो आदत है’। लेकिन देखा जाए तो यह एक आदत नहीं एक तरह का साउंड डिसऑर्डर है जिसे मिसोफोनिया कहते हैं। जो लोग इस डिसऑर्डर के शिकार होते हैं उन्हें सामान्य आवाज भी खतरनाक लगती है और उन्हें तंग कर देती है।
What is Misophonia: एक साइंटिफिक रिपोर्ट के अनुसार मिसोफोनिया एक ऐसी कंडीशन है जहां अन्य लोगों द्वारा की जाने वाली कुछ आवाजें किसी के अंदर गुस्सा और घृणा जगा सकती हैं। ऐसा तब होता है जब कोई किसी के खाना चबाने या किसी के सांस लेने जैसी आवाज़ें सुनता हैं। इस तरह की आवाजें उन्हें बहुत गुस्सा दिला सकती हैं और नेगेटिव इमोशन पैदा करती हैं। हालांकि मिसोफोनिया का मतलब ‘हैट्रेड ऑफ़ साउंड’ (Hatred of sound) हैं लेकिन यह समझना जरूरी है की इस डिसऑर्डर से ग्रसित लोगों में हर आवाज इस तरह की भावना पैदा नहीं करती है। हर इंसान में अलग- अलग आवाजें हैं जो अलग- अलग वजह से नकारात्मक भावना ट्रिगर करती हैं। कई बार एक व्यक्ति का इन आवाजों को लेकर रिएक्शन इतना स्ट्रांग होता है कि यह उनके रोजमर्रा के जीवन में बाधा बन सकता है। यह जानना भी आवश्यक है की क्योंकि मिसोफोनिया पर अभी ज़्यादा रिसर्च नहीं की गयी है इसलिए इसके ट्रीटमेंट ऑप्शन अभी कम हैं।
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Symptoms of Misophonia: स्टडीज में मिसोफोनिया के सिम्पटम्स इस तरह बताये गए हैं :
* चिड़चिड़ेपन का क्रोध में बदल जाना
* नफरत का तेज क्रोध में बदल जाती है
* शोर करने वाले व्यक्ति को खरी-खोटी सुनाना
* शोर से परेशान होकर चीजों को पटकना/ गिरना
* शोर करने वाले व्यक्ति पर अटैक करना (कभी चिल्लाना तो कभी हाथ उठाना)
* ट्रिगर करने वाले लोगों से दूरी बनाए रखना
इनके अलावा स्टडीज के अनुसार मिसोफोनिया दर्द या प्रेशर (विशेष रूप से छाती में), मसल्स की जकड़न, हाई ब्लड प्रेशर, तेज दिल की धड़कन और शरीर में हाई टेम्परेचर सहित कई फिजिकल रिएक्शन को जन्म दे सकता है।
Preventing Triggers of Misophonia: मिसोफोनिया से पीड़ित लोगों को उन्हें इर्रिटेट करने वाली आवाजों को अनदेखा करने के लिए कहना सही नहीं है। वे चाह कर भी अपने ट्रिगर को नहीं रोक सकते हैं। लेकिन कुछ ऐसे तरीके हैं जिन्हें अपना कर इस डिसऑर्डर में आराम मिल सकता है। इनमें हेडफ़ोन का उपयोग करना, पसंदीदा म्यूजिक सुनना, नॉइज़ कैंसलेशन वाले इयरप्लग या हेडफोन्स पहनना शामिल है। इसके अलावा रिलैक्सेशन और ब्रीथिंग व मैडिटेशन प्रैक्टिस करने से भी मदद मिलती है। किसी डॉक्टर या थेरेपिस्ट से मदद लेना भी फायदेमंद हो सकता है। अपने करीबी लोगों को अपनी तकलीफ और मिसोफोनिया के बारे में बताएं और सहायता मांगें।
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Source: Lifestyle