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हॉट बाथ में पसीना निकलने से वजन भी घटता

हाइड्रो ट्रीटमेंट यानी पानी से होने वाले इलाज के तहत सहने योग्य गर्म पानी में फुल बॉडी स्नान करना (सिर और चेहरा बचाकर) या पैर, रीढ़, कूल्हे आदि को डुबोकर या पालथी मारकर बैठना आरामदायक है। नेचुरोपैथी में यह एक तरह की थैरेपी है।
सही तापमान के फायदे : 48 से 55 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले पानी में कम से कम 12-20 मिनट बैठना अच्छा है। इससे खून की नसें चौड़ी होती हैं जिससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और पसीना निकलने से वजन भी घटता है। शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं जिससे व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जिन्हें नींद न आने, तनाव, त्वचा संबंधी रोग या अधिक वजन के साथ जोड़ों में दर्द रहता है, वे हॉट बाथ थैरेपी ले सकते हैं।
न करें : अधिक कमजोरी, तनाव, गुस्सा, बीपी की शिकायत वाले फुल बॉडी हॉट बाथ न लें। डॉक्टरी सलाह से ही इसे करें।
ध्यान रखें :
पहले : 2-3 गिलास पानी पीएं और सिर को ठंडा कर गर्म पानी में पैर डालें।
बाद में : शरीर का तापमान नॉर्मल होने के बाद ही रूम टेम्प्रेचर में जाएं। हॉट बाथ लेने के तुरंत बाद सामान्य पानी से नहा लेना चाहिए, शरीर डिटॉक्सिफाई होता है।

एक्सपर्ट : डॉ. रमाकांत शर्मा, नेचुरोपैथी विशेषज्ञ, जयपुर

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Source: Health