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Sleeping Tips: सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है पूरी नींद

Sleeping Tips In Hindi: व्यक्ति जब सो रहा होता है तो उस दौरान ब्लड प्रेशर, पल्स रेट, सांस गति, हृदयगति, दिमाग और रक्त प्रवाह सामान्य की तुलना में कम हो जाता है। इसी दौरान कामकाज की वजह से थक चुकी मांसपेशियां अपनी मरम्मत कर लेती हैं और व्यक्ति के शरीर में अगले दिन के लिए नई ऊर्जा बनती है। एक व्यक्ति के जीवन का एक तिहाई हिस्सा नींद में गुजर जाता है। इसी का नतीजा है कि मनुष्य अपने जीवन का दो तिहाई हिस्सा भागदौड़ के साथ बिना किसी परेशानी के गुजारता है। व्यक्ति सोएगा नहीं तो उसे काम करने में कठिनाई होगी और उसे कई तरह की बीमारियां घेर लेंगी। नींद पूरी न होने से ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मानसिक रोग, तनाव, चिड़चिड़ापन, हृदय रोग, पाचन आदि की समस्याएं होती हैं।

नींद संबंधी समस्याएं
नींद संबंधी समस्याएं कई तरह की होती हैं। इसमें नींद न आना, ज्यादा नींद आना व नींद टूट-टूट कर आना। आयुर्वेद में तीन तरह की नींद संबंधी समस्याओं का वर्णन है। इनमें अल्प निद्रा, अति निद्रा और अनिद्रा के रूप में बताया है। अल्प निद्रा में नींद टूट-टूट कर आती है। अति-निद्रा में व्यक्ति सोता रहता है जबकि अनिद्रा में व्यक्ति सो ही नहीं पाता है। नींद की गुणवत्ता खराब होना यानी सोकर उठने के बाद भी मन भारी लगना नींद संबंधी समस्या का प्रमुख लक्षण है। कुछ लोगों को रात में नींद नहीं आती है और दिन में सोते हैं। यह लक्षण ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्नीया का है।

उम्रवार इतनी नींद जरूरी
1 से डेढ़ साल का बच्चा 15 से 18 घंटे सोता है। इससे शरीर में कुछ हॉर्मोन बनते हैं जिससे उसका शारीरिक विकास होता है। आठ से दस साल के बच्चे को 9 से 10 घंटे, 10 से 20 साल में 9-10 घंटे, 20 से 25 की उम्र में 8 से 9 घंटे और 35 से अधिक उम्र में 7 से 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।

इन तरीकों से लेें अच्छी नींद
– रात को सोने से पहले पैर धोने चाहिए
– सोने से पहले स्नान करेंगे तो भी फायदा
– पैरों के तलवों में गाय का घी लगाकर सोएं
– सोते समय सांस पर ध्यान केंद्रित करें
– सुबह या शाम नियमित दौड़ और जॉगिंग करें
– देर रात तक मोबाइल व इंटरनेट न चलाएं
– नींद के लिए किसी तरह का नशा न करें
– सोने से 2-3 घंटे पहले डिनर जरूर कर लें

इलाज
एलोपैथी में नींद संबंधी समस्या से पीड़ित के इलाज के लिए न्यूरोलॉजी, मनोचिकित्सक, ईएनटी और स्लीप मेडिसिन के एक्सपर्ट की टीम एकसाथ काम करती है। इसमें रोगी की नींद संबंधी समस्या जानने के बाद उसे दवा देने के साथ उसकी काउंसिलिंग भी करते हैं। दिनचर्या को सुधारने के लिए कहा जाता है। यदि तनाव की वजह से नींद संबंधी समस्या है तो उसका भी इलाज किया जाता है।

आयुर्वेद इलाज
आयुर्वेद में इलाज रोगी को सिरोभ्यंग (खोपड़ी की हल्की मसाज) करते हैं। कुछ दवाएं नाक से भी दी जाती हैं जिनसे अच्छी नींद आती है। अश्वगंधा, ब्राम्ही, शंखपुष्पी जैसी औषधियों का प्रयोग परेशानी और रोगी की स्थिति देखने के बाद किया जाता है।

होम्योपैथी इलाज
नींद संबंधी समस्या में देखते हैं कि मरीज को मोटापा की समस्या तो नहीं। तनाव भी नींद न आने का बड़ा कारण है। रोगी को जीवनशैली सुधारने को कहते हैं। फास्ट फूड और रात को सोने से पहले अधिक तला भुना नहीं खाना चाहिए।

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Source: Health

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