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10 दिन में 5 लोगों के शिप्रा में डूबने के बाद कलेक्टर बोले- घाटों का वाटर लेवल एक फुट कम करो

उज्जैन. 10 दिनों में शिप्रा के विभिन्न घाटों पर 5 युवाओं की मौत के बाद प्रशासन जागा। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने शुक्रवार को रामघाट और अन्य प्रमुख घाटों का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने नदी का वाटर लेवल कम करने और सभी घाटों पर जलस्तर एक जैसा बनाए रखने के निर्देश दिए। घाटों पर सीढ़ियों पर फिसलन होने पर यहां समय-समय पर साफ-सफाई की जाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड संतोष कुमार जाट से पूछा कि यहां पर होमगार्ड के कितने जवान तैनात हैं। निरीक्षण के दौरान जानकारी दी गई कि सिद्धाश्रम घाट पर सबसे ज्यादा डूबने की घटनाएं होती हैं। कलेक्टर ने यहां स्नान पर हमेशा के लिए रोक लगाने के निर्देश दिए तथा यहां स्नान करने पर जुर्माना लगाने के लिए भी कहा है।
सिद्धाश्रम घाट पर परमानेंट बेरिकेटिंग कराये जाने के निर्देश दिये गये। कलेक्टर ने कहा कि होमगार्ड के जवान पर्याप्त संख्या में विभिन्न घाटों के आसपास मौजूद रहें। स्नान के लिये आने वाले श्रद्धालुओं को बार-बार सिटी बजाकर चेतावनी दी जाये। होमगार्ड के जवान नाव में नदी के बीचोंबीच गश्त लगाते रहें। सभी घाटों पर वाटर लेवल को वर्तमान स्तर से एक फुट कम करने के निर्देश दिये गये तथा उसे मेंटेन करने के लिये कहा। घाटों पर लोहे के पाइप लगाने के निर्देश दिए गए। लाइफ जैकेट की संख्या और बढ़ाने के लिए कहा। इसके पश्चात कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त ने नाव में बैठकर नृसिंह घाट का अवलोकन किया। इस दौरान महापौर मुकेश टटवाल, एडीएम अनुकूल जैन, अपर कलेक्टर कल्याणी पाण्डे एवं विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।

10 दिन में 5 लोगों के शिप्रा में डूबने के बाद कलेक्टर बोले- घाटों का वाटर लेवल एक फुट कम करो

सिद्धाश्रम घाट पर फिर हादसा होते बचा, इलाहबाद के युवक को डूबने से बचाया
इधर, शिप्रा में लगातार हो रहे हादसों के बाद प्रशासन चिंतित है। घाटों पर सुरक्षा संसाधनों को बढ़ाने के साथ विभिन्न उपायों पर जोर दे रहा है। इधर, शुक्रवार को फिर सिद्धाश्रम पर एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। मां शिप्रा तैराक दल की तत्परता से इलाहबाद के श्रद्धालु की जान बचा ली गई। माँ क्षिप्रा तैराक दल सिद्धाश्रम के पास पर नि: स्वार्थ भाव से निरंतर सेवा देता है। शुक्रवार को देव दर्शन करने इलाहाबाद से आए अर्पित केजरीवाल सिद्धाश्रम घाट पर स्नान कर रहे थे। पानी की गहराई का अंदाजा नहीं होने से वह गहरे पानी में चले गए। अर्पित तो डूबता देख तैराक दल के राकेश गोल्ड ने नदी में छलांग लगाई। उन्हें डूबने से बचाया और किनारे लाकर छोड़ा। यह जानकारी मां क्षिप्रा तैराक दल सचिव संतोष सोलंकी ने दी।

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Source: Tech

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