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Diwali 2019: दिवाली पर इन बाताें का रखें ध्यान, अच्छी रहेगी सेहत

Diwali 2019 In Hindi: दिवाली का त्यौहार खुशियाें का त्यौहार है।और इस खुशी काे बरकरार रखने के लिए जरूरी है कि आप अपनी सेहत का ध्यान भी रखें। अक्सर देखा जाता है कि त्याैहारी सीजन में लाेग अपनी सेहत की परवाह नहीं करते जिससे उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ता हैं। आइए जानते हैं दिवाली के इस माैके पर कैसे सेहत का अच्छा रखकर त्याैहार का आनंद लें :-

मिठार्इ पर रखें केंट्राेल
दिवाली के त्याैहार पर देखा जाता है कि लाेग कैलोरी और फैट की अधिक मात्रा वाले आहार काे जमकर खाते हैंं। जिससे उनमें डायबिटीज का स्तर बढ़ने का खतरा रहता हैं। खासकर डायबिटीज के राेगी मीठा खाना चाहते हैं तो कोशिश करें की मिठाई शक्कर वाली न हाेकर खजूर की चाशनी, ब्राउन राइस सिरप, स्टीविया, शहद, गुड़ आदि से तैयार की गर्इ हाे।इस तरह की मिठार्इ से सेहत का नुकसान नहीं हाेता है।

धुंए से रखे दूरी
अस्थमा के राेगियाें काे दिवाली के माैके पर विशेष ताैर पर सजग रहने की जरूरत है। अस्थमा, सीओपीडी सरीखी सांस की समस्याओं से पीड़ित लोग धुएं और प्रदूषण भरे पर्यावरण से बचने के लिए घर की चारदीवारी में ही रहें ताे अच्छा है। बाहर जाना भी पड़े तो सर्जिकल मास्क लगाकर ही जाएं। अगर ऐसे लोग पटाखों का लुत्फ लेना चाहते हैं तो मास्क के साथ काफी ऊंचाई की जगह से दूर से जलते हुए पटाखों का आनंद लें, क्योंकि ऊंचाई पर प्रदूषण का स्तर कुछ कम रहता है।

दिल और रक्तचाप का रखे ध्यान
दिल और रक्तचाप के मरीजाें काे अपनी सेहत काे लेकर सजग रहना जरूरी है। दिवाली के माैके पर तेज आवाज के पटाखे, धुआं, बदला हुआ खान-पान, ये सभी दिल और रक्तचाप से पीड़ित लोगों की समस्याओं में इजाफा करते हैं। उन्हें तेज आवाज सोने नहीं देती। अनिद्रा के चलते रक्तचाप बढ़ता है, साथ ही घबराहट होती है, जिसका सीधा असर दिल पर पड़ता है। तला-भुना-चिकना खान-पान भी अधिक काबाेर्हाइड्रेट का होने के कारण रक्तचाप पर असर डालता है। चीनी भी रक्तचाप को बढ़ाती है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी खुराक और नींद का खास ख्याल रखें। इस दिवाली तले पकवानों के बजाय रोस्टेड पकवानों को मैन्यू में शामिल करें। नमक और मसालों का प्रयोग कम करें।

प्रदूषण एलर्जी से बचें
दिवाली के माैके पर बढ़ा हुआ प्रदूषण ढेर सारी समस्याओं के साथ एलर्जी की सौगात भी लेकर आता है। इसमें कुछ लोगों को आंखों में जलन होती है तो कुछ की आंखें लाल हो जाती हैं। एलर्जी के मरीजों को त्वचा की समस्याएं भी हो जाती हैं। उल्टी, दस्त, खांसी, जुकाम आदि भी एलर्जी के प्रकार होते हैं। आंखों की समस्या से बचने के लिए जब भी आप बाहर जाएं तो आंखों पर सर्जिकल चश्मा लगा लें।

पटाखों की तेज आवाज से हाे सकती है दिक्कत
पटाखों की तेज आवाज और जगमगाती तेज रोशनी माइग्रेन से परेशान लोगों की परेशानी में इजाफा कर जाती हैं। समस्या को बढ़ाने वाले ये वो कारण हैं, जिन्हें आप चाह कर भी कम नहीं कर सकते। सामान्य तौर पर माइग्रेन के रोगी दवाओं का सेवन तब करते हैं, जब वे सिरदर्द से दो-चार हो रहे होते हैं। पहले से पूरी सावधानी बरतें।

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Source: Health