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एक साल में 4589 करोड़ रुपए का घाटा, अमरीका में केस, ED का छापा… बायजूस के फेल होने की 5 बड़ी वजहें

Byju’s Financial Crisis: भारत की एडटेक स्टार्ट-अप कंपनी बायजूस (Byju’s) गंभीर आर्थिक संकट में है। कोरोना काल में बंपर कमाई कर पूरी दुनिया में छाने वाली इस कंपनी का मार्केट कैंप 22 अरब डॉलर से घटकर 5.1 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। आंकड़ों के लिहाज से यह गिरावट 75 फीसदी से अधिक है। कंपनी के बोर्ड मेंबर इस्तीफा दे रहे हैं। 2011 में शुरू हुई यह कंपनी मात्र 9 साल के सफर में 2020 तक पूरी दुनिया में धाक जमा चुकी थी। लेकिन 2020 के बाद बायजूस में गिरावट का जो दौर शुरू हुआ, वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। बायजूस एक समय में बॉलीवुड स्टार शाहरूख खान से अपना प्रचार करवा रही थी। इंडियन क्रिकेट टीम की जर्सी पर भी बायजूस ही नजर आता था। लेकिन अब आलम यह हो गया है कि कंपनी अपने कर्मचारियों को बाहर निकाल रही है। बायजूस के फेल होने की वजहें क्या रहीं, आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में-


सबसे पहले जानिए बायजूस के बारे में-

2011 में शुरुआत, 2019-20 में पीक पर थी कंपनी

बायजूस की शुरुआत बायूज रविंद्रन (Byju Ravindran) नामक भारतीय इंटरप्रेन्योर और निवेशक ने की। उन्हीं के नाम पर इसका नाम रखा गया। रविंद्रन ने 2011 में थिंक एंड लर्न नामक कंपनी बनाकर क्लास 1-12वीं तक के छात्रों को कोचिंग देने की शुरुआत की। 2015 में कंपनी ने बायजूस (BYJU’s) नामक लर्निंग ऐप लॉन्च किया। मार्च 2018 में बायजूस यूनिकॉर्न बन गई। 2019-2020 में Byju’s दुनिया में सबसे ज्यादा वैल्यूएशन वाला एडटेक स्टार्टअप बनी।

कोरोना काल में कंपनी ने की बंपर कमाई

यह कोरोना का दौर था, तब स्कूल बंद थी, बच्चे घर से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे, बायजूस के लिए कोरोना काल कमाई का बड़ा मौका बनकर आया, इस दौरान की कमाई के बाद कंपनी का वैल्यूएशन 85 हजार करोड़ रुपए पहुंच गया था।

जिससे बायजूस ने आकाश एजुकेशनल सर्विसेस, ग्रेट लर्निंग और व्हाइट हैट जूनियर जैसी कई कंपनियों को खरीद लिया। शाहरुख खान, रितिक रोशन, लियोनेस मेसी से कंपनी का एड होने लगा। इंडियन क्रिकेट टीम के अलावा बायजूस आईसीसी और फीफा के इवेंट में भी नजर आने लगा।

अब जानिए कंपनी के पतन की कहानी

कोरोना के बाद कंपनी का बुरा वक्त हुआ शुरू

वैश्विक महामारी कोरोना का खतरा टलते ही कंपनी का बुरा वक्त शुरू हो गया। स्कूल-कोचिंग खुलते ही बच्चे ऑनलाइन स्टडी से दूर होते गए। फिर बायजूस का मार्केंट कैंप लगातार गिरता गया। बायजूस के पतन की कहानी पहले बार सार्वजनिक रूप से तब सामने आई जब कंपनी वर्ष 2021 के वित्तीय आंकड़े 18 महीने की देरी से जारी किए।

इस रिपोर्ट से पता चला कि कंपनी को 2021 में 4589 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। वित्तीय आंकड़े जारी करने में हुई देरी से निवेशकों के साथ-साथ सरकार को गड़बड़ी का अंदेशा नजर आया, फिर निवेशकों ने हाथ पीछे खींचना शुरू कर दिया। इसी बीच पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी बायजूस के परिसरों पर छापा मारा।

कंपनी के बोर्ड मेंबरों का इस्तीफा

बायजूस के पतन की कहानी में उनके डायरेक्टरों का इस्तीफा भी शामिल है। कंपनी के बोर्ड से तीन डायरेक्टर पीक एक्सवी पार्टनर्स के जीवी रविशंकर, चैन जुकरबर्ग के विवियन वू और प्रोसस के रसेल ड्रेसेनस्टॉक ने इस्तीफा दे दिया था।

इसके बाद कपंनी के ऑडिटर डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स ने इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा बायजूस के कई पूर्व कर्मचारियों ने कंपनी पर ईपीएफ जमा नहीं करने का आरोप भी लगाया। बाद में बायजूस की पैरेंट कंपनी ‘थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड’ ने 10 महीने के ईपीएफ का भुगतान 123.1 करोड़ रुपए जमा किए।

हजारों लोगों को नौकरी से निकाला, अमरीका में चल रहा केस

कमाई कम होते ही कंपनी ने कास्ट कटिंग शुरू की। इस कड़ी में कंपनी ने हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया। इसी साल जून में बायजूस ने लगभग एक हज़ार कर्मचारियों की नौकरी खत्म की। इससे पहले पिछले साल तीन हज़ार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था।

इसके अलावा बायजूस अमरीका की अदालत में कानूनी लड़ाई भी लड़ रहा है। बायजूस ने 1.2 अरब डॉलर के कर्ज़ को लेकर एक मामला न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट में दायर किया है। कंपनी को इस कर्ज का भुगतान करना था, लेकिन कंपनी फिलहाल इस स्थिति में नहीं हैं।


अब जानिए कंपनी के फेल होने की बड़ी वजहें

1. जबरन मोटे पैकेज थोप देना

बायजूस बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने वाली कंपनी है। कोरोना काल में जब ऑनलाइन स्टडी का चलन बढ़ा तो कंपनी ने खूब तरक्की की। शुरुआत में तो कंपनी ने मामूली पैकेज पर बच्चों की पढ़ाना शुरू किया। लेकिन धीरे-धीरे वो अपना पैकेज बढ़ाता गया।

सभी माता-पिता बच्चों की पढ़ाई पर अपनी क्षमता से बढ़कर खर्च करते हैं। लेकिन इसकी भी एक सीमा होती है। बाद में कंपनी के कर्मचारी लोगों पर जबरन मोटे पैकेज थोपने लगे। इससे धीरे-धीरे लोगों में कंपनी के प्रति नाराजगी बढ़ती गई।

2. प्रचार पर तो खूब खर्च लेकिन क्वालिटी पर ध्यान नहीं

बच्चों को घर बैठे-बैठे अच्छी शिक्षा देने के नाम पर कंपनी ने अभिभावकों से मोटा पैसा वसूला। जिसे प्रचार-प्रसार में कंपनी ने दोनों हाथ खोल कर लूटाया। लेकिन बच्चों को दी जा रही एजुकेशन की क्वालिटी लगातार गिरती गई। धीरे-धीरे जब लोगों को बच्चों को मिल रही खोखली पढ़ाई पर नजर गई तो लोगों का विश्वास बायजूस से उठता गया। ऐसे में लोग कंपनी से दूर होते गए।

3. बिना बताए लोन करा देना

कई जगह से ऐसी भी शिकायतें सामने आई कि बायजूस ने पैकेज के पैसे के लिए अभिभावकों के नाम पर बिना बताए लोन करा दिया। बिना जानकारी दिए लोगों को दिलाकर कंपनी ने पैसे तो वसूल लिए लेकिन जब लोगों को अपने साथ हुए चिट का अहसास हुआ तो वो बिफर गए।

फिर कंपनी के खिलाफ शिकायतों का पुलींदा मोटा होता गया। दूसरी ओर कंपनी की हेवी पब्लिसिटी पर माउथ पब्लिसिटी भारी पड़ी। आपस की बातचीत में लोग बायजूस की चर्चा करने लगे। धीरे-धीरे लोगों का विश्वास उठता गया।

4. फेक डील से कंपनी को दोतरफा नुकसान

कंपनी ने अपने बिजनेस का बढ़ाने के लिए मार्केंटिग के लोगों को हायर किया। इन लोगों पर बिजनेस बढ़ाने का जमकर दवाब डाला गया। नतीजा यह हुआ इस दवाब ने फेक डील का बढ़ावा दिया। कंपनी के कर्मचारी ही नौकरी बचाने के लिए फेक डील करने लगे।

ये लोग अपने संगे-संबंधियों को पैकेज बेच कर बाद में उसे रिफंड कराने लगे। जिससे कंपनी को दोतरफा नुकसान झेलना पड़ा। एक तरफ कंपनी को अपने कर्मचारियों को पैसा देना पड़ा तो दूसरी ओर कंपनी के पास आया पैसा कुछ ही दिनों में रिफंड होने लगा।

5. ग्राहक और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार

कंपनी के पतन में ग्राहक और कर्मचारियों से गलत व्यवहार किया जाना भी एक बड़ी वजह है। बायजूस ने कई मौकों पर ग्राहकों को पैसे रिफंड नहीं किए और कर्मचारियों को मशीन बना दिया। कंपनी का सारा ध्यान वैल्यूशन पर रह गया, प्रोडक्ट की क्वालिटी लगातार गिरती गई। जानकारों की माने तो बायजूस के फेल होने की ये वो पांच बड़ी वजहें हैं। अब देखना है कंपनी मौजूदा संकट से उबर पाती है या फिर धीरे-धीरे खत्म ही हो जाती है।

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Source: National

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