बाढ़ ने पूरे सीजन की मेहनत की बर्बाद, खेत की दशा देखते सदमे में गई किसान की जान
Haryana Flood: बीते कुछ दिनों से देश में हो रही भारी बारिश से कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति विकराल है। हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल, दिल्ली, असम, बिहार जैसे कई राज्यों में बाढ़ से जन-जीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गई है। नदी-नाले सब भर चुके हैं। सड़के झील बन चुकी है। जहां नजर जाए वहां तक पानी ही पानी नजर आता है। इससे इन राज्यों को करोड़ों का नुकसान भी हुआ है। बारिश और बाढ़ से किसानों को भी भारी परेशानी उठानी पड़ी है। उनकी पूरे सीजन की मेहनत पानी में बर्बाद हो गई। हरियाणा में एक किसान के साथ ऐसा ही कुछ हुआ, जिसके बाद फसल बर्बाद होने के सदमे में उस किसान की मौत हो गई।
हरियाणा के सरस्वती नगर का मामला
मामला हरियाणा के सरस्वती नगर का है। जहां के सुखदासपुर गांव निवासी 50 वर्षीय किसान इंद्राज की खड़ी धान की फसल बाढ़ के पानी में डूब गई। पूरे सीजन की मेहनत पानी में बर्बाद होता देख किसान गंभीर सदमे में चला गया। इस सदमे में उसकी मौत हो गई। इंद्राज की मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है। अब उसके परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा, यह सोच-सोच कर इंद्राज के परिजन बेजार हुए जा रहे हैं।
ट्रैक्टर से डॉक्टर के पास लेकर गए थे परिजन
बताया जाता है कि इंद्राज बाढ़ के बीच अपने खेतों को देखने गया था। वो जैसे ही अपने खेतों के पास पहुंचा वहां का नजारा देखते उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उनकी फसल बर्बाद हो चुकी थी। जिससे उन्हें गहरा सदमा पहुंचा। घर पहुंचते-पहुंचते इंद्राज की तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई। सड़कों पर पानी भरा होने के चलते परिजन उन्हें ट्रैक्टर पर डॉक्टर के पास ले गए। रास्ते क्लियर नहीं मिला लिहाजा डॉक्टर के पास पहुंचते-पहुंचते उनकी मौत हो गई।
बाढ़ की वजह से हुई किसान की मौत
इंद्राज के पड़ोसी दीप चंद ने बताया कि डॉक्टर ने इंद्राज को देखते ही मृत घोषित कर दिया। गांव के सरपंच भूपिंदर सैनी ने बताया कि गांव के पास से चेतांग नदी निकलती है। जिसमें उफान पर होने की वजह से खेतों में पानी भर गया है। वहीं उन्होंने बताया कि इंद्राज का दाह संस्कार करने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पहाड़ से लेकर मैदानी इलाकों तक पानी ही पानी
मालूम हो कि उत्तर भारत में लगातार हुई बारिश के बाद जन-जीवन अब अस्त-व्यस्त हो गया है। हालात ये हैं कि पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक नदियां उफान पर हैं और इनके तटवर्ती इलाकों में कहीं बाढ़ आ गई है, तो कहीं लोग इसके दहशत के साए में जी रहे हैं। हालात ये हैं कि खेतों में बाढ़ का पानी दो से तीन फीट जमा है। पानी कम होने की बजाए पहले से और बढ़ गया है।
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Source: National