250 सफाई कर्मचारी होने बाद भी फ़ैल रही गंदगी, इखट्टा हो रहा 25 टन कचरा
धमतरी. शहर में लाखों रुपए की लागत से ट्रेचिंग ग्राउंड में इंसीनीरेटर मशीन तो लगा दिया गया, लेकिन अब तक इसका एक भी दिन उपयोग नहीं किया गया। मुर्गा-मटन और मछली बाजार से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों के प्रबंधन के लिए इसे लगाया गया था।निगम के अधिकारियों की उदासीनता से आज यह सफेद हाथी साबित हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि धमतरी में रोजाना 25 टन कचरा निकलता है। नगर निगम में शहर की सफाई के लिए स्वच्छता दीदी से लेकर प्लेसमेंट और रेगुलर कर्मचारी के रूप में करीब 250 सफाई कर्मचारी हैं, जो रोजाना कचरा एकत्रित करने के बाद मणीकंचन के साथ ही ट्रेचिंग ग्राउंड में भिजवाते हैं। इससे आज शहर के दोनों ट्रेचिंग ग्राउंड में कचरे का पहाड़ लग गया हैं। सालों से इस कचरे का निपटान नहीं हो सका।
इस बीच मुर्गा-मटन और मछली बाजार से निकलने वाला अपशिष्ट पदार्थो का प्रबंधन चुनौती बन गया। उस समय तत्कालीन महापौर अर्चना चौबे के कार्यकाल में करीब २0 लाख रुपए खर्च करके इन्सीनीरेटर मशीन लगाया था, लेकिन आठ सालों में एक भी दिन यह मशीन नहीं चली।
आज यह मशीन शो-पीस बन गई हैं। तत्कालीन जनप्रतिनिधियों ने प्रारंभ में इस मशीन को लगाने में जिस तरह से दिलचस्पी दिखाई थी, वैसी दिलचस्पी अब नहीं दिखा रहे। स्वच्छता से जुड़े निगम के अधिकारियों ने भी गंभीरता नहीं दिखाई, जिसके कारण लाखों की लागत वाली यह मशीन आज कबाड़ में तब्दील हो रही है।
50 से ज्यादा दुकानें भी नहीं बिकी
नगर निगम प्रशासन ने इतवारी बाजार में लाखों रुपए खर्च करके अनेक दुकानें भी बनाई, इसका भी अब तक कोई उपयोग नहीं हो रहा है। इसके पहले बने काम्पलेक्स की दुकानों में भी ताला जड़ा हुआ है। इन दोनों दुकानों में करीब 70 से 80 लाख रुपए खर्च हो चुका हैं, लेकिन आमदनी के नाम पर जीरो है। ऐसे में आम जनता की राशि का किस तरह से यहां दुरूपयोग किया गया हैं, इसे समझा जा सकता है।
ट्रेचिंग ग्राउंड में मुर्गा-मटन, मछली के अवशेष निपटान के लिए लगी मशीन का अधिकारियों की टीम से जांच कराएंगे। यदि यह मशीन उपयोग के लायक होगा, तो इसे चालू करने के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Source: Education