रक्षक बने भक्षक, वन विभाग के कार्मिक ही पकाकर खा गए घायल हिरण
नागौर। गोगेलाव कन्जर्वेशन रिजर्व के रेस्क्यू सेंटर में श्री जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था राजस्थान की टीम ने अचानक छापा मारकर इलाज के लिए लाए गए घायल वन्यजीव चिंकारा हिरण को नागौर वन विभाग के रिजर्व कन्जर्वेशन गोगेलाव में कर्मचारियों द्वारा मांस पका कर खाते व शराब पीते पकडऩे का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार 28 अक्टूबर 2019 को चावण्डिया में अज्ञात लोगों द्वारा मारी गई गोली से घायल हिरण को श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था के जिला संगठन मंत्री पार्थवर्धन सियाग व अरविंद द्वारा वनविभाग की रेस्क्यू टीम को बुलाकर इलाज के लिए सुपुर्द किया।
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शाम को पार्थवर्धन व तहसील अध्यक्ष कालूराम सियाग घायल हिरण को देखने के लिए रिजर्व कंजर्वेशन गोगेलाव के रेस्क्यू सेंटर गए।वहाँ पर मौजूद दो कर्मचारी एवं दो अन्य हिरण का माँस पक्का रहे थे व शराब पी रहे थे। पास में एल्यूमीनियम के बर्तन(भगोले) में माँस पक रहा था। तीन शराब की बोतलें, नमकीन, डिस्पोजल ग्लास व पानी की बोतलें थी। पार्थवर्धन सियाग ने अपने द्वारा वन विभाग को सौंपे गए घायल चिंकारा हिरण के स्वास्थ्य की जानकारी चाही तो वहां मोजुद कर्मचारी एक दूसरे का मुँह ताकते नजर आए।
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इस पर पार्थवर्धन व कालूराम को कुछ शंका हुई तो इन्होंने संस्था के पदाधिकारियों एवं वन्यजीव प्रेमीयो को व वनविभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया।संस्था के प्रदेश अध्यक्ष श्री रामरतन बिश्नोई, प्रदेश महामंत्री भानुसिह सियाग, प्रदेश कोषाध्यक्ष अनोपाराम डुडी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ओमप्रकाश बिश्नोई, सहीत संस्था के सदस्य रामदयाल, डॉ रिछपाल, मनीष, पुनमचन्द, जितेन्द्र, चेनाराम, बिरमाराम, श्यामसुन्दर, दिलिप, गेनाराम सियाग सहीत कईं सदस्य मौके पर पहुंच गए। वन विभाग के कार्यवाहक उप वन संरक्षक सुनील कुमार गौड़, क्षेत्रीय वन अधिकारी हेमेन्द्र फरङोदा व कोतवाली थाना नागौर की टीम भी रेस्क्यू सेंटर पहुंची। बताया जा रहा है कि रेस्क्यू की गाड़ी के रिकॉर्ड रजिस्टर में वन्यजीवों का सही तरीके से रिकार्ड दर्ज नहीं था। आधी अधूरी जानकारी से 27 तारीख को दो घायल हिरण व 28 तारीख को दो घायल हिरण लाने का रिकार्ड लिखा है। जबकि रिजर्व कंजर्वेशन मे रेस्क्यू सेंटर के रिकॉर्ड रजिस्टर में 26 तारीख के बाद में कोई वन्यजीव आया हुआ नहीं बताया गया है।
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वन्य जीव प्रेमियों का आरोप है कि वनविभाग के कर्मचारी माँसाहारी होटलों के मालिको से मिले हुए हैं। रेस्क्यू सेंटर में आने वाले घायल वन्यजीव चिकित्सालय मे इलाज के बजाय सीधे माँसाहारी होटलों में पहुचते हैं। घटना की रिपोर्ट पार्थवर्धन सियाग ने लिखित में कोतवाली थाना नागौर मे दी है। पुलिस ने अरोपियों को गिरफ्तार कर पक्का हुआ माँस व शराब की बोतलें जब्त की है। संस्था की पूरी टीम रात में दो बजे तक मौके पर मौजूद रही। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जो मांस पकाया जा रहा था वह उसी घायल हिरण का था या किसी दूसरे जानवर का।
Source: Education