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लोक देवता बाबा रामदेव मेले में उमड़ा जन सैलाब

श्रीगंगानगर। हाथ में ध्वज और रामासा पीर बाबा रामदेव के जयकारे। भाद्रपद शुक्ल दशमी पर सोमवार को बाबा रामदेव के मेले में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गई। उमस और तेज धूप के बावजूद आस्था के केन्द्र लोकदेवता बाबा रामदेव मंदिर में धोक लगाने के लिए सुबह से देर रात तक दौर चला। एक दो तीन चार…बाबै थारी जय जयकार, बाबौ किगों आपा रौ, आपा किरां बाबै रा.., के जयघोष के बीच मंदिर के मुख्य गेट से लेकर धोक लगाने के स्थल तक श्रद्धालुओं में जोश भरने का काम कर रहे थे। मंदिर में बाबा रामदेव के भजन और चालीसा के दोहे बार बार गूंजने लगे। अपनी मन्नत पूरी होने पर खिलौने वाले घोड़े, नमक और झाडू को चढ़ाकर बाबा रामदेव को रिझाने का प्रयास कर रहे थे। नारियल और पतासा, बूंदी का प्रसाद हर श्रद्धालु के हाथ में नजर आया। इससे पहले सोमवार को सुबह करीब पांच बजे पुजारी हरलाल शर्मा ने आरती की। इसके बाद बाबा के दरबार का दर्शन का दौर शुरू हो गया।
पुलिस प्रशासन ने इस मेले में भारी भीड़ को देखते हुए सुखाडि़या सर्किल से शिव चौक तक वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी। इस पूरी रोड पर लोग ही लोग नजर आ रहे थे। कोई अपने परिवार के साथ पहुंचा तो कोई जत्थे के साथ आकर धोक लगाई। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए श्रद्धालुओं को एंट्री गेट से ही मंदिर परिसर में छूट मिली। इस गेट के पास बैरीकेट्स का सिस्टम ऐसे बनाया हुआ था कि श्रद्धालु को सीधे मंदिर की बजाय कैम्पस में ही लंबी कतारें पर चलने को मजबूर किया गया। यहां से प्रवेश कर इन्हें मुख्य मंदिर तक ले जाया गया। जहां दर्शन और प्रसाद अर्पित करने के बाद परिक्रमा करते हुए ये लोग डाली बाई की समाधि के दर्शन कर वापस बाहर की तरफ निकले। मंदिर के बाहर खिलौने की खूब दुकान लगी हुई थी।
पुरानी आबादी के बाबा रामदेव मंदिर में अल सबेरे पांच बजे आरती होने पर धोक लगाने का दौर शुरू हो गया। दोपहर तक काफी लोग धोक लगा चुके थे। इधर, मदन विहार स्थित बाबा रामदेव मंदिर का दरबार विशेष शृंगारित किया गया। यहां भी सुबह से लेकर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। उधर, इंदिरा कॉलोनी के बाबा रामदेव मंदिर में भी आरती के समय काफी लोग एकत्र हुए। इस मंदिर में भी धोक लगाने के लिए महिलाओं और बच्चों ने खूब उत्साह दिखाया।