राहत की खबर… अब एक वर्ष की जगह तीन व पांच वर्ष तक करा सकते हैं फायर एनओसी
भरतपुर. फायर एनओसी के नियमों में कुछ बदलाव करते हुए अब एक वर्ष से बढ़ाकर तीन एवं पांच वर्ष तक किया गया है। इसमें फिलहाल अस्पताल एवं उद्योग के लिए एक, तीन व 5 वर्ष का प्रावधान किया है। बाकी सब के लिए सिर्फ एक वर्ष की ही एनओसी मिलेगी। इससे लोगों को हर वर्ष के झंझट से राहत मिलेगी। दूसरी ओर, बिना एनओसी वालों के विरुद्ध की जाने वाली कार्रवाई में अब जुर्माना भी जोड़ा है। जिसके तहत एनओसी नहीं लेने या उपकरण नहीं मिलने पर 5 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा।
नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त विभाग की ओर से फायर एनओसी के नियमों में बदलाव किया है। जिसके तहत पहले एनओसी नहीं लेने पर नोटिस के बाद सीज की कार्रवाई की जाती थी, लेकिन अब फायर एनओसी, उपकरण सही नहीं होने और रिन्यू नहीं कराने व नोटिस की पूर्ति नहीं की तो 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा। पहले फायर बिग्रेड के पास नगर निगम क्षेत्र ही था, लेकिन अब निगम के साथ-साथ यूआईटी व आवासन मंडल के अनुसूचित उद्योग क्षेत्र भी फायर बिग्रेड में शामिल हो गए हैं। पहले किसी बिल्डिंग में आग लगने पर फायर एनओसी रद्द हो जाती थी और मानवीय क्षति होने पर नगर निगम आयुक्त संचालक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराते थे, लेकिन अब एफआईआर की कार्रवाई अग्निशमन अधिकारी कर सकते हैं। पहले सभी के लिए एक वर्ष की फायर एनओसी मिलती थी, लेकिन अब अस्पताल व उद्योगों के लिए एक, तीन और पांच वर्ष तक एनओसी मिल सकती है।
इन्हें मिलेगी तीन व पांच वर्ष की एनओसी
15 मीटर से अधिक ऊंचाई की इमारत पर हर वर्ष फायर एनओसी रिन्यू करानी पड़ेगी। 15 मीटर से नीचे एवं एरिया एक हजार से तीन हजार वर्ग मीटर हो तो तीन वर्ष के लिए एनओसी ली जा सकती है। एक हजार वर्ग मीटर से कम एरिया हो तो 5 वर्ष तक के लिए एनओसी मिल सकती है। यह सिर्फ अस्पताल एवं उद्योगों के लिए लागू है।
नई एनओसी की रेट बढ़ी, लेकिन नवीनीकरण में फिक्स
नगर निगम के अग्निशमन अधिकारी अरुण कुमार के अनुसार नगर निगम की ओर से पहले फायर एनओसी डेढ़ रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मिलती थी, जिसे अब बढ़ाकर दो रुपए प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया। साथ ही पहले फायर एनओसी रिन्यू कराने पर भी डेढ़ रुपए प्रति वर्गमीटर के हिसाब से फीस लगती थी, लेकिन अब रिन्यू कराने पर 10 हजार रुपए फिक्स कर दिया गया है।
लोगों को मिलेगी राहत
नए नियमों से लोगों को राहत मिलेगी। साथ ही पहले रिन्यू कराने पर डेढ़ रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से फीस लगती थी, लेकिन अब फिक्स कर दिया है। इससे बड़ी इमारतों को ज्यादा फायदा होगा। नोटिस की वैल्यू बढ़ेगी।
बीना महावर, आयुक्त, नगर निगम भरतपुर।
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