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बेंगलूरु और मुंबई के बीच भी चले सेमी हाईस्पीड ट्रेन

– योगेश शर्मा

बेंगलूरु. रेलवे की ओर से जारी रेलों की नई समय सारिणी में भी बेंगलूरु-मुंबई के बीच सुपर फास्ट ट्रेन नहीं दिए जाने के बाद बेंगलूरु-मुंबई के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने की मांग जोर पकडऩे लगी है। बेंगलूरुवासी चाहते हैं कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और आईटी हब बेंगलूरु के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाई जाए ताकि दोनों शहरों के बीच रेल सफर में कम समय लगे। अभी दोनों शहरों के बीच करीब एक हजार किलोमीटर की दूरी ट्रेन से 24 घंटे में तय हो पाती है। एक्सप्रेस ट्रेन बेंगलूरु से मुंबई (वसई रोड) के बीच जहां 20 से 22 स्टेशनों पर रुकती हैं वहीं हमसफर जैसी ट्रेन 9 स्टेशनों पर रुकने के बावजूद 24 घंटे का समय लेती है जबकि इसी दूरी को तय करने में ट्रेवल्स की बसें 15 से 16 घंटे का समय लेती हैं।

राष्ट्रीय रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के सदस्य भरत जैन ने कहा कि बेंगलूरु-मुम्बई रेलमार्ग पर ट्रेनों की गति बढ़ाने की मांग को लेकर रेल मंत्री अश्विन वैष्णव को मई में पत्र भी लिखा है। यह गंभीर बात है कि 1000 किलोमीटर की दूरी तय करने में ट्रेन को 24 घंटे का समय लगता है। दोनों प्रमुख शहरों के बीच रोजाना हजारों लोगों का आना जाना लगा रहता है। लेकिन रेल की औसत गति करीब 41 किलोमीटर प्रति घंटा होने से लोगों का रेल से मोह भंग हो रहा है। लोग बसों या फ्लाइट से बेंगलूरु और मुंबई के बीच आना-जाना पसंद कर रहे हैं। रेल मंत्री से दोनों शहरों के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस और शुरू करने का आग्रह किया था, जिससे 12 से 14 घंटे में यात्री सफर पूरा कर सकें।

बेंगलूरु मेट्रो एंड सबअर्बन रेल यात्री संघ के अध्यक्ष प्रकाश मांडोत ने कहा कि देश की पहली स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस बेंगलूरु की मुंबई के बीच ही चलाई जाए। यह ट्रेन सप्ताह में चार दिन वाया हुब्बल्ली, मिरज व पुणे तथा तीन दिन गुंतकल, रायचूर, कलबुर्गी व पुणे होकर चलाई जाए। दोनों शहरों के बीच एक हजार किमी की यात्रा करने में 24 घंटे का समय लग रहा है। उन्होंने रेल मंत्री से पहली वंदे भारत स्लीपर बेंगलूरु-मुंबई के बीच चलाने का आग्रह किया है ताकि यात्रा की अवधि छह से सात घंट कम की जा सके। मांडोत ने बताया कि बेंगलूरु-मैसूरु से राजस्थान की ओर जाने वाली बसें बेंगलूरु से मुंबई की दूरी मात्र 15 से 16 घंटे में तय कर लेती हैं। 2005 से मुंबई-बेंगलूरु के बीच सुपरफास्ट ट्रेन चलाने की मांग की जा रही है।

ट्रेड एक्टिविस्ट सज्जनराज मेहता ने कहा कि मुंबई और बेंगलूरु दोनों विश्व स्तरीय स्मार्ट सिटी के रूप में प्रसिद्ध हैं तथा देश की आर्थिक व्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग हैं। आजादी के 75 वर्षों के बाद भी दोनों ही शहरों के बीच सुपरफास्ट एक्सप्रेस रेल यातायात की कोई व्यवस्था नहीं है। सरकार का पूरा ध्यान रेल संसाधनों के सुधार पर है। इसके बावजूद दोनों शहरों की 24 घंटे से कम नहीं हो पाई है। मेहता ने रेल मंत्री से दोनों शहरों के बीच वंदे भारत या इसी की तरह सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने की मांग की है ताकि यात्रा में लगने वाले समय को कम किया जा सके। इससे जहां पर्यटन और व्यवसाय में कई गुणा इजाफा होगा। वहीं लोगों को द्रुतगति का रेल साधन भी उपलब्ध होगा।

जैन इंटरनेशनल ट्रेड आर्गेनाइजेशन ( जीतो ) उत्तर के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ बोहरा ने कहा कि बेंगलूरु से मुंबई के बीच द्रुत गति रेल की व्यवस्था नहीं होने के कारण यात्रा में अधिक समय लगता है। दोनों शहरों के बीच ऐसी द्रुतगति रेल की व्यवस्था हो ताकि यह यात्रा 15 घंटों में पूर्ण हो सके। उन्होंने कहा कि एक ओर देश जहां वंदे भारत सरीखी सेमी हाईस्पीड और बुलेट ट्रेन की ओर अग्रसर है वहीं रेलवे का एक चेहरा यह भी है कि बेंगलूरु से मुम्बई की दूरी तय करने में ट्रेन को 24 घंटे लगते हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो इस मार्ग पर रेलों की औसत गति 41 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक नहीं है। इस मार्ग से यात्रा करने वाले यात्रियों को भी वंदे भारत जैसी सेमी हाईस्पीड ट्रेनों की जरूरत है।



Source: Lifestyle