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Navratra: गज की सवारी कर माता दुर्गा आएंगी धरती पर, शारदीय नवरात्रि में शुभ योगों की भरमार लाएगी सुख समृद्धि

पद्म योग में नवरात्र की शुरुआत
पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्र 2023 इस बार कई शुभ योग संयोगों से युक्त है। इस बार ग्रह, नक्षत्र के संयोग के साथ कई शुभ योग नवरात्र में विद्यमान रहेंगे। नवरात्र की शुरुआत इस बार पद्मयोग में होगी, वहीं विदाई सिद्धि योग में होगी। पद्मयोग में भगवान लक्ष्मीनारायण की विशेष कृपा प्राप्त होगी, यह योग सुख समृद्धिदायक माना गया है।

इसी प्रकार नवरात्र के नौ अलग-अलग दिन कई शुभ संयोग रहेंगे, जो सभी प्रकार के शुभ कार्यों और खरीदारी के लिए भी विशेष शुभ रहेंगे। मां आदि शक्ति की आराधना का पर्व नवरात्र 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। नौ दिनों तक शहर के श्रद्धालु मां की आराधना करेंगे। शहर में जगह-जगह आकर्षक झांकियां सजाकर मां दुर्गा की स्थापना की जाएगी। नौ दिनों तक माता रानी के जयकारों के साथ-साथ आरती की स्वरलहरियां गूंजेंगी।

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शारदीय नवरात्र में शुभ योगों की भरमार
ज्योतिष मठ संस्थान के पं. विनोद गौतम का कहना है कि नवरात्र के नौ दिन वैसे ही सभी प्रकार के कार्यों के लिए अच्छे माने गए हैं। इसमें देवी आराधना के साथ-साथ सभी प्रकार के शुभ कार्य करना अत्यंत फलदायी होता है। इसके साथ ही दो बार सर्वार्थ सिद्धि, एक बार अमृत सिद्धि योग भी रहेगा, जो अत्यंत फलदायी रहेगा। इसमें भूमि भवन, वाहन, आभूषण सहित सभी प्रकार की खरीदारी के विशेष मुहूर्त बनेंगे।

पहले दिन पद्मयोग भी रहेगा। पद्मयोग लक्ष्मीनारायण का योग माना जाता है। पं. गौतम ने बताया कि इस दिन शाम तक वैद्यति योग और चित्रा नक्षत्र भी रहेगा। शास्त्रों में वैद्यति योग और चित्रा नक्षत्र में स्थापना उपयुक्त नहीं मानी गई है, लेकिन इसके साथ पद्मयोग होने से शुभता बढ़ जाएगी।

हाथी की सवारी होने से आएगी सुख-समृद्धि
पं. जगदीश शर्मा के अनुसार इस बार माता रानी हाथी पर सवार होकर आएगी। यह एक अच्छा योग है। शास्त्र के अनुसार हाथी सुख, समृद्धि और शक्ति का मानक है। हाथी पर आगमन होने से इस बार फसलें अच्छी होगी, व्यापारी वर्ग भी खुश रहेगा और सम्पन्नता आएगी। नवरात्र के नौ दिन तो वैसे ही काफी शुभ माने गए हैं, लेकिन नवरात्र में कई शुभ योग आने से इसका महत्व और बढ़ जाएगा। नवरात्र में सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि, रवि योग जैसे कई शुभ योग विद्यमान रहेंगे।

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शुभ योग कब-कब
सर्वार्थ सिद्धि 18 और 22 अक्टूबरः इस योग में सभी प्रकार के कार्य प्रशस्त होते हैं
अमृत सिद्धि 18 अक्टूबरः चंद्र प्रधान योग, इसमें अमृत तुल्य फल मिलता है
त्रिपुष्कर योग 21 अक्टूबरः तीन गुना फलदायी, इसमें किए गए कार्य सफलता देते हैं
रवि योग 18, 20, 22 और 23 अक्टूबरः सूर्य प्रधान योग, उन्नति, पदोन्नति देता है

नौ दिन ये योग भी रहेंगे विद्यमान
15 अक्टूबर को पद्म योग, 16 अक्टूबर को छत्र योग, 17 अक्टूबर को श्रीवत्स योग, 18 अक्टूबर को आयुष्मान योग, 19 अक्टूबर को सौभाग्य योग, 20 अक्टूबर को सुस्थिर योग, 21 अक्टूबर को मातंग योग, 22 अक्टूबर को अमृत योग, 23 अक्टूबर को सिद्धि योग



Source: Religion and Spirituality