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कपड़े तंग होने पर ही वजन पर ध्यान जाता है भारतीयों का

नई दिल्ली. भारत के 58 फीसदी लोग वजन घटाने के बारे में तभी सोचते हैं, जब उनके कपड़े तंग होने लगते हैं। इसके अलावा 46 फीसदी लोग खाने की आदतों पर तभी पुनर्विचार करते हैं, जब परिवार और दोस्तों की तरफ से उनके वजन पर टिप्पणियों की जाने लगती हैं। वल्र्ड फूड डे पर ‘स्टेट ऑफ योर प्लेट’ नाम के सर्वेक्षण में ये आंकड़े सामने आए हैं। इसमें करीब पांच हजार लोगों को शामिल किया गया।

सर्वेक्षण के मुताबिक 76 फीसदी लोग सेहत से जुड़े मामलों में फैसले के लिए परिवार और दोस्तों की सलाह पर ज्यादा भरोसा करते हैं। वे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और सेलिब्रिटी के विज्ञापनों से प्रभावित नहीं होते। सर्वेक्षण में 33 फीसदी महिलाओं ने कहा कि वे पारिवारिक जिम्मेदारियों, विशेषकर बच्चों की देखभाल के कारण स्वास्थ्य लक्ष्यों से दूर रह जाती हैं। वहीं, 35 फीसदी पुरुषों ने बताया कि दफ्तर की मीटिंग और पार्टियों के कारण उनके स्वास्थ्य लक्ष्यों से भटकने की आशंका ज्यादा रहती है। सर्वेक्षण के निष्कर्षों में कहा गया कि मशहूर हस्तियां और सोशल मीडिया सितारे लोगों के स्वास्थ्य विकल्पों को प्रभावित नहीं करते।

भावनाओं में बहकर भी होता है भोजन

सर्वे के मुताबिक 57 फीसदी लोग पारिवारिक मिलन समारोह, 44 फीसदी लोग उत्सवों और 35 फीसदी लोग तनावपूर्ण समय के दौरान भूख के बजाय भावनाओं में बहकर भोजन करने लगते हैं। वे अपने स्वास्थ्य लक्ष्यों को दरकिनार कर देते हैं। सर्वेक्षण में 18 से 63 साल के लोग शामिल किए गए। इनमें 90 फीसदी का जन्म 1995 के बाद हुआ है। सर्वेक्षण में 77 फीसदी महिलाएं शामिल थीं।

खाने पर ज्यादा ध्यान, व्यायाम पर कम

सर्वे में पता चला कि 57 फीसदी भारतीय जश्न के दौरान पश्चिमी देशों की तरह ज्यादा नमक और वसा वाला भोजन पसंद करते हैं, लेकिन पश्चिमी देशों के लोगों की तरह फिटनेस लक्ष्यों का पालन नहीं करते। पश्चिम के लोग पर्याप्त कार्डियो व्यायाम या खेलों में शामिल होते हैं, जबकि सिर्फ 46 फीसदी भारतीय हल्का व्यायाम और 55 फीसदी मॉर्निंग वॉक करते हैं।



Source: Lifestyle

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