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Rajasthan Chunav 2023 : ईडी ने 9 साल में दर्ज किए 5,906 केस, केवल 3 प्रतिशत राजनीतिक लोगों से संबंधित : गजेंद्र सिंह शेखावत

Rajasthan Chunav 2023 : विपक्षी दलों द्वारा केंद्र की मोदी सरकार पर विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसी का दुरुपयोग करने के लगाए जा रहे आरोपों के बीच केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह दावा किया है कि ईडी ने 9 साल में 5,906 केस पंजीकृत किए हैं, जिसमें केवल 3 प्रतिशत केस ही राजनीतिक लोगों से संबंधित हैं। इसलिए ईडी केवल राजनीतिक लोगों पर ही कार्रवाई करती है, ये आधारहीन बात है।

शेखावत ने अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इस बात का दोषारोपण करते हैं कि ईडी की कार्रवाई उन्हीं प्रदेशों में होती है जहां चुनाव होने वाले हैं और विपक्षी नेताओं को टारगेट करके ईडी की कार्रवाई की जाती है तो उन्हें यह बताना चाहिए कि अब से पहले जितने प्रमुख ईडी के मामले हुए हैं, उनमें से कितनी कार्रवाई में राहत मिली है? अगर सरकार के प्रभाव में एजेंसी ने काम किया होता, तो निश्चित तौर पर न्यायालय ने हस्तक्षेप कर ऐसे नेताओं को राहत प्रदान की होती।

उन्होंने दावा किया कि ईडी के 9 साल का रिकॉर्ड उठा कर देखा जाए तो ईडी का कनविक्शन रेट 94 फीसदी है, शायद दुनिया के किसी भी एजेंसी के द्वारा कार्रवाई में दोषसिद्धि का दर इतना नहीं होगा। यह आरोप कि ईडी कार्रवाई का राजनीतिकरण करने की कोशिश हो रही है, निश्चित रूप से गलत है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने कहा कि गहलोत सरकार ने प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है, मुख्यमंत्री निष्पक्ष जांच को प्रभावित करने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पेपर लीक प्रकरण में पहले से लेकर अभी तक 19 मामले सामने आए हैं और कांग्रेस के नेताओं ने इन मामलों में लीपापोती की है। लगातार पेपर लीक होने पर भी गहलोत सरकार ने बिना जांच के ही कर्मचारियों, अधिकारियों और राजनेताओं को क्लीन चीट दे दी।

भ्रष्टाचार के कीर्तिमान तोड़े
भाजपा द्वारा गहलोत सरकार के खिलाफ किए गए राज्य स्तरीय विरोध के कारण ही गहलोत सरकार को फौरी तौर पर कार्रवाई करनी पड़ी और आरपीएससी सदस्य और मंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को जेल भेजना पड़ा। भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए शेखावत ने कहा कि गहलोत सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे कीर्तिमान तोड़ दिए हैं और आज जब भ्रष्टाचार के सारे मामले उजागर हो रहे हैं और जांच एजेंसी कार्रवाई कर रही है तो मुख्यमंत्री गहलोत इससे तिलमिलाए हुए हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा पिछले 5 वर्ष से यह कह रही है कि राजस्थान की गहलोत सरकार भ्रष्टाचार के नए कीर्तिमान बना रही है, जिस तरह से राजस्थान में पेपर लीक हुआ उससे 70 लाख युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो गया और अब प्रदेश में यह हालत हो गई है कि आम जनता और राजस्थान के युवाओं का सरकार द्वारा जारी भर्तियों पर से भरोसा ही उठ गया है। शेखावत ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार का ये संकल्प पहले दिन से रहा है कि हम किसी भी क्षेत्र में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

इस पेपर लीक केस में एसओजी और एंटी करप्शन ब्यूरो, जो राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत के अधीन काम करती है, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री होने के नाते इस पर डायरेक्ट कंट्रोल एंड कमांड मुख्यमंत्री का है। जब मुख्यमंत्री स्वयं आगे चल करके इस तरह की क्लीन चिट अधिकारियों और नेताओं को दे रहे थे तब कोई भी कार्रवाई निष्पक्ष रूप से इन एजेंसियों के द्वारा हो सकेगी, इसकी संभावना राजस्थान की जनता के मन में समाप्त हो गई थी।

रिटायर डायरेक्टर ने खुद माना, सरकार बड़ी मछलियों पर हाथ नहीं डालने देती
शेखावत ने कहा, राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो में रिटायर डायरेक्टर जनरल बीएल सोनी ने खुद वीडियो संदेश के माध्यम से यह कहा था कि सरकार बड़ी मछलियों पर हाथ डालने नहीं देती थी, उन पर दबाव डालकर रोकती थी। अब जब इस प्रकरण से जुड़ी हुई बड़ी मछलियों पर ईडी ने कार्रवाई करना प्रारंभ किया है तब निश्चित ही सरकार में बैठे हुए लोगों को अपनी धरती हिलती, धंसती और अपनी कुर्सी खिसकती हुई प्रतीत होती है। परिणामस्वरूप इसके चलते ही वो ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की फौरी प्रतिक्रियाएं करते हैं।

उन्होंने कहा कि गहलोत को यह बताना चाहिए कि अगर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा पर आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर अशोक गहलोत या फिर उनके निकटवर्ती लोगों या उनके परिवार से जुड़े हुए लोगों के नाम इसमें शामिल पाए जाते हैं तो क्या उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए? शेखावत ने अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि गहलोत भ्रष्टाचार पर होने वाली कार्रवाई से इसलिए तिलमिलाए हुए हैं क्योंकि उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे पैमाने तोड़ दिया है। उन्हीं की पार्टी के नेताओं व विधायकों ने विधानसभा पटल पर वक्तव्य दिया है कि उनकी सरकार इस सदी की भ्रष्टतम सरकार है। पेपर लीक मामलें में उन्हीं के नेता सचिन पायलट ने अनशन भी किया था और उन्होंने अजमेर से लेकर जयपुर तक की यात्रा भी निकाली थी।

-आईएएनएस

 



Source: Education