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Lung Cancer Awareness: देश में तेजी से बढ़ रहे हैं लंग कैंसर के मामले, स्टेज 3 और 4 में चल रहा है पता, साधारण दिखने वाले लक्षणों को न करें इग्नोर

पिछले 27 सालों से हर साल पूरे नवंबर में लंग कैंसर के प्रति जागरूक किया जाता है। वैश्विक और स्थानीय दोनों तरह के विभिन्न संगठन इस महीने के दौरान जागरूकता अभियान और गतिविधियां चलाने के लिए एक मंच पर साथ आते हैं, जिसका उद्देश्य लोगों को बीमारी के बारे में जागरूकता, स्क्रीनिंग की आवश्यकता, जोखिम कारकों और फेफड़ों के कैंसर के निवारक उपायों के बारे में शिक्षित करना है।

18 प्रतिशत कैंसर मौते लंग कैंसर से
फेफड़ों का कैंसर सबसे गंभीर स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करता है। फेफड़ों के कैंसर को कैंसर से संबंधित मौतों का प्रमुख (18%) कारण बताया गया है। फेफड़ों का कैंसर भारत में कैंसर से संबंधित मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण है। रोगी की स्थिति के आधार पर कैंसर का निदान होता है।

लंग कैंसर के लक्षण
– सांस का फूलना
– सिरदर्द
– भ्रमित नज़र
– चक्कर आना
– खासी आना

कैसे पता लगा सकते हैं
– चिकित्सा और पारिवारिक इतिहास
– शारीरिक जांच
– डायग्नोस्टिक इमेजिंग परीक्षण के परिणाम (सीटी स्कैन, पीईटी स्कैन, एक्स रे, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड और परमाणु परीक्षण)
– फेफड़ों के कैंसर की जांच का सुझाव केवल उन लोगों को दिया जाता है, जिनके धूम्रपान के इतिहास और उम्र के कारण इस बीमारी के विकसित होने का खतरा अधिक है।

इससे कैसे बच सकते हैं
धूम्रपान न करें या जितनी जल्दी हो सके छोड़ दें।
सेकेंड-हैंड धुआं, रसायन और रेडॉन।
बाहरी वायु प्रदूषण और व्यावसायिक जोखिमों को कम करें।
सर्दी या अन्य श्वसन संक्रमण से बचाव।
नियमित जांच कराएं।
नियमित व्यायाम।
पौष्टिक आहार बनाए रखें

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।



Source: disease-and-conditions