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योगी सरकार ने साढ़े छह साल में 5 हजार किमी सड़क का बिछाया जाल, जाने कितना हुआ खर्च

योगी सरकार प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर युद्धस्तर पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देश पर पिछले साढ़े छह साल में गांव, तहसील, ब्लॉक मुख्यालय, अंतरराष्ट्रीय, अंतरराज्यीय सीमा वाले मार्ग, चीनी मिल क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र एवं धर्मार्थ मार्ग के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण और पुनर्निर्माण पर युद्धस्तर पर काम हुआ है। इस दौरान प्रदेशभर में 5 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों का जाल बिछाने का कार्य किया गया है। इसके लिए योगी सरकार ने करीब नौ हजार करोड़ की धनराशि खर्च की है।

26 तहसील और 131 ब्लॉक मुख्यालयों को दो लेन से जोड़ा गया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में सूबे की कमान संभालते ही पीडब्ल्यूडी को प्रदेश में कनेक्टिविटी को मजबूत करने के निर्देश दिये थे। शासन ने पीडब्ल्यूडी को 26 तहसील मुख्यालयों और 153 ब्लॉक मुख्यालयों को दो लेन मार्ग से जोड़ने के निर्देश दिये थे। इसके लिए विभाग को 1617 किलोमीटर की सड़क के लिए 2,653 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई थी।

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वहीं विभाग की ओर से 26 तहसील मुख्यालय और 131 ब्लॉक मुख्यालय को दो लेन से जोड़ दिया गया है, जबकि शेष 22 ब्लॉक मुख्यालय को दो लेन से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है। इनमें से 16 ब्लॉक मुख्यालय में 99 प्रतिशत, 3 ब्लॉक मुख्यालय में 74 प्रतिशत, 2 ब्लॉक मुख्यालय में 24 प्रतिशत और एक ब्लॉक मुख्यालय में 49 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है।

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वहीं पीडब्ल्यूडी ने शेष 1 तहसील और 10 ब्लॉक मुख्यालय को दो लेन से जोड़ने के लिए 48 किलोमीटर की सड़क के लिए 174 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसी तरह 25 शहरों से होकर गुजरने वाले अंतरराष्ट्रीय/अंतरराज्यीय सीमा वाले मार्गों के विकास के लिए 94 मार्ग स्वीकृत किए गए हैं। यहां पर 1,126 किलोमीटर की सड़क के लिए 2,171 करोड़ की धनराशि दी गई। इनमें से 81 मार्ग का काम पूरा कर लिया गया है, जबकि 13 मार्गों पर काम चल रहा है, जहां 6 मार्गों का काम 99 प्रतिशत और 7 मार्गों का काम 24 प्रतिशत पूरा कर लिया गया।

गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए 1,679 करोड़ खर्च किए गए
वहीं 250 से अधिक आबादी के गांवों को मुख्य मार्ग (.5 किलोमीटर से कम दूरी) से कनेक्ट करने के लिए 1,928 कार्य स्वीकृत किए गए। ऐसे में 2,107 किलोमीटर की सड़क के लिए 1,679 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई। इनमें से 563 कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। वहीं 1,087 अनजुड़े गांवों को मुख्य मार्ग से कनेक्ट करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है। इसी तरह प्रदेश के चीनी मिल परिक्षेत्र में मार्गों के पुनर्निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण के लिए 1,074 कार्यों को चिन्हित किया गया है।

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ऐसे में 1,127 किलोमीटर की सड़क के लिए 384 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। इन कार्यों की शासन से हरी झंडी मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। वहीं दूसरे चरण में 626 मार्गों के लिए 200 करोड़ खर्च किए जाएंगे। औद्योगिक/ लॉजिस्टिक पार्क के लिए सड़क के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण और निर्माण के लिए 2 कार्य स्वीकृत किए गए। ऐसे में 139 करोड़ से 9.6 किलोमीटर के मार्ग का काम चल रहा है।

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वहीं पीडब्ल्यूडी को औद्योगिक विकास विभाग की ओर से 21 कार्यों को कराने के लिए 1,922 करोड़ का प्रस्ताव मिला है। इसी तरह धर्मार्थ कार्य के तहत सड़क के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं निर्माण के लिए 36 कार्य स्वीकृत किए गए, जहां 2,316 करोड़ से 174 किलोमीटर की सड़क का कार्य चल रहा है।