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पीरियड्स क्रैम्प्स से राहत दिलाता है मोटा अनाज

मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू मिलेट्स हैं। इनमें अन्य अनाजों की तुलना में पोषकता अधिक होती है। इसलिए इन्हें सुपर फूड कहते हैं। ये डायबिटिक-फ्रेंडली यानी कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले होते हैं। इनमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ने से रोकते, ब्लड प्रेशर, हृदय से जुड़े रोगों और अन्य गंभीर बीमारियों से बचाते हैं। अगर कम उम्र से इन्हें खाते हैं तो वजन नियत्रित रहेगा। साथ ही कई गंभीर बीमारियों से भी बचाव होगा।

पीरियड्स में फायदेमंद
कुछ अध्ययनों के अनुसार मोटे अनाज में मौजूद मैग्नीशियम पीरियड्स के दौरान होने वाले क्रैम्प्स से राहत दिलाते है। विटामिन सी और ई भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो नेचुरल सनस्क्रीन का काम करते हैं और स्किन का यूवी किरणों से बचाव करते हैं। गर्भवती महिलाओं में एनीमिया को दूर करने में आयरन से भरपूर बाजरे और रजोनिवृत्ति के बाद बोन मिनरल डेन्सिटी को बरकरार रखने में कैल्शियम से भरपूर रागी खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है।

ग्लूटेन फ्री
ये ग्लूटेन फ्री होते हैं। इनमें विटामिन, एंजाइम और घुलनशील फाइबर होते हैं। रागी में दूध से ज्यादा कैल्शियम होता है। बीटा-कैरोटीन, नियासिन, विटामिन-बी 6, फोलिक एसिड, पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन भरपूर होते हैं। ज्वार में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो एंटी-एजिंग एजेंट का काम करते हैं।

वजन रहता नियंत्रित
मिलेट्स में अधिक मात्रा में ़फाइबर और ट्रिप्टोफैन एमिनो एसिड पाया जाता है, जो कि धीमी गति से पचता है। इसके कारण पेट लम्बे समय तक भरा हुआ महसूस होता है। इससे ज्यादा खाने से बच जाते हैं। वजन नियंत्रित रहता है। मोटापा नहीं आ पाता है।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।



Source: Health

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