National Cancer Awareness Day: समय पर पहचान कर कैंसर को दें मात
National Cancer Awareness Day: दुनियाभर में कैंसर की बीमारी एक गंभीर बीमारी के ताैर पर देखी जाती है। भारत में भी कैंसर आम बीमारी बनता जा रहा है। देश में करीब 25 लाख से अधिक लोग इस रोग से पीड़ित हैं। हर साल 7 लाख नए कैंसर रोगी सामने आ रहे हैं। ज्यादातर मामलों का मुख्य कारण बिगड़ी जीवनशैली और इसके लक्षणों की जानकारी न होना है। इस रोग से घबराने की बजाय बुरी आदतों से दूरी बनाकर और जीवनशैली में सुधारकर आसानी से बचा जा सकता है। कैंसर के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल राष्ट्रीय स्तर पर 7 नवम्बर काे नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे ( National Cancer Awareness Day ) मनाया जाता है।
क्या हाेता है कैंसर
कैंसर यानी शरीर में कोशिकाओं का अनियमित रूप से बढ़ना। यह शरीर के किसी खास अंग को प्रभावित करता है या धीरे-धीरे खतरनाक रूप लेकर एक से दूसरी जगह फैलता है। ज्यादातर मामलों की पहचान गंभीर अवस्था में होती है। लक्षणों को समय पर पहचानकर विशेषज्ञ से सलाह लें तो इसे रोका जा सकता है।
कैंसर के प्रकार:-
फेफड़ों का कैंसर
अत्यधिक कफ बनना या कफ के साथ खून आना, लंबे समय तक गला खराब रहना, सांस लेने में तकलीफ होना, सीने में दर्द और बिना किसी कारण के वजन घटना। आमतौर पर इनमें से कुछ लक्षण मौसम के बदलाव से भी होते हैं। लेकिन जिन्हें दवा लेने के बावजूद फायदा न हो या हर बार कफ के साथ खून आए तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
बे्रस्ट कैंसर
यह महिलाओं में होने वाला प्रमुख कैंसर है। बे्रस्ट के आसपास गांठ होना या सूजन, आकार में बदलाव होना इसके लक्षण हैं। यह 40 वर्ष की उम्र के बाद अधिक होता है।
लिवर कैंसर
शरीर का पीला पड़ना, अचानक वजन कम होना, पेट में तेज दर्द, यूरिन का रंग पीला होना, बहुत जल्द थकान महसूस करना, भूख न लगना और उल्टी आना आदि लक्षण हैं।
गर्भाशय का कैंसर
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक देश में प्रतिवर्ष 33 हजार महिलाओं की मौत गर्भाशय के कैंसर से होती है। यह पेपीलोमा वायरस के कारण होता है। पेट के निचले भाग व यूरिन करते समय तेज दर्द, पीरियड बंद होने के बाद भी दर्द व ब्लीडिंग होना या सफेद पानी निकलना, शारीरिक संबंध के बाद ब्लीडिंग व दर्द, भूख या वजन घटना। यह महिलाओं में होने वाला दूसरा प्रमुख कैंसर है।
प्रोस्टेट कैंसर
यह पुरुषों में होने वाला प्रमुख कैंसर है जो पौरुष ग्रंथि में होता है व यूरिनरी सिस्टम को प्रभावित करता है। यूरिन में रक्त या सीमेन आना, कमर के निचले हिस्से में दर्द होना आदि इसके लक्षण हो सकते हैं। यह 50 वर्ष की उम्र के बाद अधिक होता है।
मुंह का कैंसर
मुंह से खून आना, होठ के आसपास या मुंह में गांठ बनना, कुछ भी खाने पर निगलने में तकलीफ, मुंह के छाले लंबे समय तक ठीक न होना या जीभ का कोई हिस्सा सुन्न हो जाना। देशभर में इस कैंसर के मामले सबसे अधिक पुरुषों में पाए जाते हैं।
ब्लड कैंसर (ल्यूकीमिया)
नाक से खून आना, शारीरिक कमजोरी, तेज बुखार संग ठंड लगना, हड्डियों-जोड़ों में तेज दर्द, शारीरिक गतिविधि कम होने के बावजूद अधिक थकान, कान के पास गिल्टियों में सूजन व रात में सोते समय पसीना आना।
बोन कैंसर
यह बच्चों में अधिक होता है। हड्डी में जिस जगह यह होता है वहां सूजन होना, त्वचा का रंग लाल होना, छूने पर गर्म अहसास होना, वजन घटने जैसे लक्षण सामने आते हैं। पैर की हड्डी में होने पर चलने में दिक्कत व हाथ प्रभावित होने पर कुछ भी उठाने में परेशानी होना भी लक्षण हैं।
दिमाग का कैंसर
यह कैंसर धीरे-धीरे दिमाग व गले से जुड़े वॉइस बॉक्स, होठ, नाक, लार ग्रंथियाें पर असर करता है। लगातार गले में खराश, मुंह से बदबू, आवाज में खरखराहट या बदलाव, गले में सूजन, बिना दर्द के उभार या गांठ, मुंह में सफेद या लाल निशान, लंबे समय तक नाक बंद रहना जैसे लक्षण हैं।
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Source: Health