fbpx

धनु राशि में आए सूर्य, जानें खरमास का धार्मिक महत्व

क्या है धनुर्मास या खरमास
स्वामी नरहरि दास ने बताया कि साल भर में सूर्य बारह राशियों में परिभ्रमण करते हैं। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश को संक्रांति कहा जाता है। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस दिन को मकर संक्रांति कहा जाता है। मकर से पहले सूर्य का धनु राशि में प्रवेश होता है, जिसको सूर्य की धनु संक्रांति या धनुर्मास कहा जाता है। धनु संक्रांति सूर्य के दक्षिणायन का अंतिम भाग है। इसके अगले महीने सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, इसे उत्तरायण कहा जाता है। सूर्य के उत्तरायण के छह माह शुभ मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं।

तीर्थ यात्राओं का पांच गुना पुण्य
धनु संक्रांति के अंतर्गत धार्मिक यात्राओं का विशेष महत्त्व माना जाता है। इस दौरान नदी के तट पर पूजा और स्नान करने का भी अपना महत्त्व है। यह भी किसी कठिन साधना से कम नहीं माना गया है। धनुर्मास की संक्रांति के दौरान धार्मिक यात्रा करना अच्छा होता है। इस दौरान धार्मिक कार्य जिसके अंतर्गत जाप, भजन, दान आदि को पुण्य की वृद्धि वाला माना गया है। दान की बात करें, तो इस दौरान तिल और गुड़ आदि दान करना शुभ माना गया है। ऐसा करने से ईश्वर का आशीर्वाद बना रहता है। खुद को भी प्रसन्नता का अनुभव होता है। वास्तव में आध्यात्मिक रूप से खुद को संपन्न और उन्नत बनाता है यह माह।

आंखों के रोगों से मुक्ति
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नेत्रों का कारक व आत्मा का कारक सूर्य को बताया गया है। कृष्ण यजुर्वेदीय सिद्धांत के अनुसार इस दौरान सूर्य को उदय काल के समय जल अर्पित करने और नेत्र उपनिषद के पाठ से आंखों से संबंधित समस्याओं का निराकरण होता है। इसके साथ ही आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

ये भी पढ़ेंः खरमास के बाद भी नहीं शुरू होंगे मांगलिक कार्य, जानें कब तक करना होगा इंतजार

ये भी पढ़ेंः खरमास में भूलकर भी न करें तुलसी से जुड़े ये काम वर्ना रूठ जाएंगी माता लक्ष्मी, इस महीने तुलसी को तीन दान का है नियम

ये भी पढ़ेंः Kharmas Horoscope: पांच राशियों के लिए बेहद शुभ हैं खरमास के तीस दिन, नौकरी में तरक्की और रूके काम होंगे पूरे



Source: Religion and Spirituality

You may have missed