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रोज 2 बार गरारे करने से निमोनिया का खतरा आधा

कोरोना से हमें कई सीख मिली थी जैसे नियमित मास्क लगाना, भीड़भाड़ में जाने से बचना, हाइजीन का ध्यान रखना और हैल्दी दिनचर्या अपनाना आदि। ऐसा न करने से न केवल संक्रमण बढ़ रहा है बल्कि सामान्य फ्लू भी निमोनिया और अन्य सांस की बीमारी व लंबी खांसी में बदल रहा है। बचाव के लिए कोरोना वाली सीख को शुरू करना होगा।

प्रदूषण से खांसी लंबी हो रही है

पिछले कुछ वर्षों में प्रदूषण और हवा में डस्ट बढ़ने से सामान्य फ्लू वाली खांसी भी 15-20 दिनों तक रह रही है। कई बार सामान्य दवाइयां से भी इलाज मुश्किल हो रहा है। इससे बचाव के लिए सार्वजनिक स्तर पर प्रदूषण कम करने की जरूरत है लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर भी इससे बचाव करें। नियमित रूप से मास्क लगाकर ही बाहर निकलें। फेफड़ों से जुड़े व्यायाम हर व्यक्ति कोई करे।

फ्लू और कोल्ड में अंतर

फ्लू और सर्दी (कोल्ड) के बीच सबसे बड़ा अंतर यह होता है कि फ्लू में आमतौर पर ज्यादा गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं और इसके दुष्प्रभाव भी ज्यादा होते हैं। फ्लू होने के 48 घंटे में इसके सभी लक्षण दिखने लगते हैं। फ्लू के लक्षण अचानक से ही शुरू होते हैं और इसमें रेस्परेटरी सिस्टम भी प्रभावित होता है, वहीं ठंड का असर धीरे-धीरे होता है। ठंड से 7-10 दिन में पूरी तरह से राहत मिल जाती है जबकि फ्लू के लक्षण दो सप्ताह तक रह सकते हैं।

कैसे संक्रमण से बचाता है नियमित गरारे करना

बाहर से आने के बाद या सुबह-शाम में गरारे करने से जो भी संक्रमण गले तक पहुंचा होता, वह न केवल गले में ही निष्क्रिय हो जाता है बल्कि गले से नीचे फेफड़ों में जाकर निमोनिया भी नहीं करता है। इसलिए जब भी घर वापस आएं। गरारे करें। गरारे के लिए गुनगुने पानी में नमक या चाय की पत्ती का इस्तेमाल करें। जिन्हें सर्दी-जुकाम है वे दिन में 4 बार भी कर सकते हैं। कई सलूशन भी बाजार में आते हैं। वो भी ले सकते हैं। कोल्ड या फ्लू को सावधानी बरतकर रोक सकते हैं। सर्दी में पर्याप्त कपड़े पहनें, हाइजीन का ध्यान रखें। अगर समस्या हो रही है तो उसका इलाज कराएं। लक्षणों की अनदेखी नहीं करें।



Source: Health

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