तिब्बत चीन का हिस्सा नहीं, अमरीकी संसद में बिल पेश
Tibet is Not A Part Of China : दुनिया में चीन के बढ़ती मनमानी को रोकने के लिए अमरीका ने कमर कस ली है। अमरीकी ने चीन की वन चाइना पॉलिसी को खुलेआम चुनौती दी है। अमरीकी कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में चीन के खिलाफ एक विधेयक पेश किया गया है। यह ऐसा विधेयक जो की चीन की नींद उड़ा देगा। अमरीका ने चीन-तिब्बत विवाद विधेयक पेश किया है। इसमें उसने कहा है कि चीन-तिब्बत विवाद सुलझाना चाहिए। इस विधेयक को दोनों ही दलों ने अपना समर्थन दिया है।
अमरीकी सीनेट में पास होगा बिल America Introduced A Bill Against China
अब यह बिल अमरीकी सीनेट (अपर हाउस) में पेश किया जाएगा। यह चीन की वन चाइना नीति को सीधी चुनौती है। इस विधेयक को सांसद जिम मैक्सवर्न और माइकल मैक्कॉल ने पेश किया। खास बात ये है कि विधेयक में चीन के उस दावे को खारिज किया गया है, जिसमें चीन, तिब्बत को अपना हिस्सा मानता है।
तिब्बत के लोगों को मिलेगा हक One China Policy
अमरीकी सांसद टॉड यंग ने कहा है कि यह बिल तिब्बत के लोगों को अपनी बात कहने का हक देगा। इसके साथ ही यह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और तिब्बत के बीच विवाद सुलझाने के लिए सीधी बातचीत पर भी जोर देता है। चीन और तिब्बत के बीच 2010 के बाद कोई बातचीत नहीं हुई।
भारत में शरणार्थी हैं तिब्बत के लोग
चीन के तिब्ब्त में हमले के कारण बड़ी संख्या में तिब्ब्ती नागरिक भारत में शरणार्थी के रूप में जीवन काट रहे हैं। इसमें तिब्बितयों के गुरु दलाई लामा भी शामिल हैं। वह अरुणाचल प्रदेश के रास्ते भारत आए थे। तब से वह यहीं पर रह रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में बाकायदा इनकी संसद है और इनके मंत्री हैं जो अपने समुदाय के लिए अनवरत काम कर रहे हैं।
Source: National