सिर्फ सात रविवार पूरे मन से पढ़ें यह अष्टक, पक्का मिलेगी नौकरी
surya ashtakam stotra सूर्य देव प्रत्यक्ष देवता और ग्रहों के राजा हैं। ये आत्मा के कारक और आरोग्य, बुद्धि, यश और समृद्धि के देवता हैं। इनकी पूजा अर्चना और अर्घ्य देने से व्यक्ति को कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। ये करियर की बाधा दूर करते हैं। पुराणों के अनुसार भगवान सूर्य नारायण सूर्याष्टक पाठ से शीघ्र प्रसन्न होते हैं। रोजगार की चाहत रखने वाले व्यक्ति यदि हर रविवार सूर्य देव को दूध भात मिश्री का भोग लगा कर पूजन करें और सूर्याष्टक का पाठ करें तो 7 रविवार के बीच में ही नौकरी लगने की संभावना होती है। हालांकि इसके लिए संपूर्ण मन से पूजन करना अनिवार्य है। यहां पढ़िए सूर्य अष्टक स्तोत्र, जिसका हर रविवार वाचन करने पर शीघ्र और कई गुना अधिक शुभ फल की प्राप्ति होती है।
॥ सूर्याष्टकम् ॥
आदिदेव नमस्तुभ्यंप्रसीद मम भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यंप्रभाकर नमोऽस्तुते॥1॥
सप्ताश्वरथमारूढंप्रचण्डं कश्यपात्मजम्।
श्वेतपद्मधरं देवं तंसूर्यं प्रणमाम्यहम्॥2॥
लोहितं रथमारूढंसर्वलोकपितामहम्।
महापापहरं देवं तंसूर्यं प्रणमाम्यहम्॥3॥
त्रैगुण्यं च महाशूरंब्रह्माविष्णुमहेश्वरम्।
महापापहरं देवं तंसूर्यं प्रणमाम्यहम्॥4॥
बृंहितं तेजःपुञ्जं चवायुमाकाशमेव च।
प्रभुं च सर्वलोकानांतं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥5॥
बन्धूकपुष्पसङ्काशंहारकुण्डलभूषितम्।
एकचक्रधरं देवंतं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥6॥
तं सूर्यं जगत्कर्तारंमहातेजःप्रदीपनम्।
महापापहरं देवंतं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥7॥
तं सूर्यं जगतां नाथंज्ञानविज्ञानमोक्षदम्।
महापापहरं देवंतं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥8॥
॥ इति श्रीशिवप्रोक्तं सूर्याष्टकं सम्पूर्णम् ॥
Source: Religion and Spirituality