थायरॉइड की दवाओं से हड्डियों में कैल्शियम की कमी, ये चीजें लें
थायरॉइड के दो प्रकार होते हैं हाइपर और हाइपो थायरॉइड। आंकड़ों की बात करें तो 80त्न हाइपो के मरीज होते हैं। इसमें वजन घटना, गर्मी न सह पाना, नींद न आना, प्यास और पसीना अधिक, हाथ कांपना, दिल का तेजी से धडकऩा आदि लक्षण होते हैं।
इसमें हार्मोन वाली दवाइयां खाने से मरीजों के शरीर में कैल्शियम की कमी होती है जिससे थकान और हड्डियों में फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए खूबानी, खजूर, किशमिश, बादाम मलाई निकाला हुआ दूध, पनीर, प्याज, लहसुन, करी-पत्ता, अखरोट, नारियल, अंजीर, चुकंदर, पालक, टमाटर, गाजर, आंवला तथा दही का सेवन करना चाहिए। आयुर्वेद में इसके मरीज को ब्राह्मी, गुग्गुलु, मघ पीपल, कालीमिर्च, त्रिफला दशमूल आदि का नियमित सेवन करना चाहिए।
लाभकारी काढ़ा
काढ़े के लिए 50-50 ग्राम दशमूल, दाना मेथी, कलौंजी, अजवाइन, भुना जीरा, मीठी सौंफ, चपटी सौंफ और करी पत्ता को मिला लें और दरदरा कूटकर डिब्बे में रख लें। रात को दो गिलास पानी में दो चम्मच भर मात्रा में इस मिश्रण को भिगो दें। सुबह धीमी आग पर पकाएं। ध्यान रखें कि धीमी आंच हो और ढंके नहीं। जब पानी चौथाई (आधा गिलास) बच जाए तो उसे छानकर हल्का गर्म ही पीएं। यह तासीर में गर्म होता है इसलिए गर्मी न पीएं। इसे गर्भवती को भी न दें। इसे फ्रिज में भी न रखें।
इनका रखें ध्यान
प्याज, चुकंदर, कचनार, काला नमक, मूली, ब्राह्मी, कमल-ककड़ी, कमलनाल, ताजे फल, सिंघाड़ा, हरी-सब्जियां, हल्दी, फूल मखाने, अनार, सेब, मौसमी, आंवला, जामुन, अन्नानास, करेला, टमाटर, पालक, मटर, टिंडा, परवल, पनीर, दूध, दही, लस्सी लें। गोभी, ब्रोकोली, केला, काजू, सुपारी, सरसों का साग, पीला शलगम, मूंगफली का परहेज करें।
डॉ. अनुराग विजयवर्गीय, वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ, शिमला (हिमाचल प्रदेश)
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