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भोजन को पचाने में भी मदद करता है पैंक्रियाज

पैंक्रियाज क्या है
पैंक्रियाज को अग्नाश्य कहते हैं। यह पाचन तंत्र का प्रमुख अंग है। अग्नाश्य का सिर छोटी आंत के प्रारंभ के वक्र में सटकर रहता है। 6-10 इंच लंबी ग्रंथि होती है जो आमाशय के पीछे पेट में होती है। यह मछली के आकार का होता है। इसके सिरे का हिस्‍सा बड़ा और पीछे का छोटा होता है।
पैंक्रियाज के क्या कार्य हैं
यह एंडोक्राइन व बाहरी रूप से एक्सोक्राइन हार्मोन रिलीज करता है। पैंक्रियाज की तीन मुख्‍य कोशिकाएं होती हैं, जिनका भिन्न कार्य है। अल्फा कोशिकाएं ग्लूकागॉन रिलीज करती जो ब्लड शुगर बढ़ाता है। बीटा कोशिकाएं इंसुलिन रिलीज करती हैं, ग्लूकोज नियंत्रित करता है। इंसुलिन हार्मोन प्रोटीन के निर्माण को बढ़ाने में भी मदद करता है। डेल्टा कोशिकाएं इंसुलिन व ग्लूकागॉन के स्राव को संतुलित करती है।

भोजन को पचाने में भी करता है मदद
यह भोजन के पोषक तत्वों को विभाजित करने में मदद करता है। यह भोजन पचाने के लिए हार्मोन और एंजाइम्स रिलीज करता है। पैंक्रियाज के पाचक एंजाइम कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व वसा को तोड़ते हैं। यह भोजन को ऊर्जा में बदलता, जिससे शरीर के अंग काम करते हैं। रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन का निर्माण करता है।

जोड़ों में दर्द की वजह भी है पैंक्रियाज
हाई फैट वाली चीजों के ज्यादा खाने से पैंक्रियाज खराब हो सकती है। पैंक्रियाज के लिए हैल्दी खानपान, नियमित व्यायाम करना जरूरी है। यदि आपका वजन ज्यादा है तो भी पैंक्रियाज के खराब होने का खतरा रहता है। धूम्रपान और शराब के प्रयोग से पैंक्रियाज के खराब होने का खतरा रहता है। पैंक्रियाज खराब होने से विटामिन ए, डी, ई का अब्जॉर्बशन नहीं होता है। इससे आंखों, हड्डियों और जोड़ों से संबंधित समस्याएं भी बढ़ती हैं।
कैसे होता है पैन्क्रियाटिक कैंसर
पैन्क्रियाटिक कैंसर दो जगह एक्सोक्राइन, एंडोक्राइन में होता है। शुरुआत में पैन्क्रियाटिक कैंसर के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। हाई ब्लड शुगर के कारण पैन्क्रियाटिक कैंसर का खतरा बढ़ता है
शराब के प्रयोग से पैंक्रियाज खराब होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। देर रात खाना भी पैंक्रियाज की सेहत के लिए ठीक नहीं होता है।

एक्सपर्ट : डॉ. अशोक झाझड़िया, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट



Source: Health