बुखार और बदन दर्द में बिना डॉक्टरी सलाह के न लें दवा, जानें क्यों
बुखार और बदन दर्द में खुद से कभी दवा न लें। दर्द निवारक दवाएं शरीर को कमजोर करती हैं जिससे शरीर पर बुरा असर पड़ता है। डॉक्टरी सलाह लें।
जीका, चिकनगुनिया और डेंगू जैसी बीमारियां सर्दी के मौसम में ज्यादा आती हैं। इसका कारण है मौसम का ठंडा हो जाना। मौसम में ठंडक बढ़ने से लोग पानी कम पीने लगते हैं। शरीर में पानी की कमी होने और मच्छरों के काटने से रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है। मच्छरों के काटने से व्यक्ति को बुखार, बदन दर्द हो सकता है।
मौसम में बदलाव के साथ शरीर में पानी की मात्रा कम नहीं होने दें। रोजाना करीब तीन लीटर पानी पीएं जिससे शरीर में तरलता बनी रहे। गंदगी में मच्छर पनपते हैं इसलिए सफाई भी रखें।
यूराटोरियम पर्फ दवा की एक बूंद 200 एमएल. पानी में मिलाकर एक चम्मच सुबह के समय कभी भी ले सकते हैं। बच्चों को इसका एक चौथाई हिस्सा दे सकते हैं जो एक औषधियुक्त जल है।
मच्छरजनित रोगों में लक्षणों के अनुसार मैगफॉस, बैलेडोना, कैलकेरिया जैसी दवाएं भी देते हैं। ये सभी दवाएं डॉक्टरी सलाह से ही लें।
Source: Health