इधर लोगों के निकल रहे आंसू, यहां घरों में खुशहाली लेकर आया प्याजा
जयपुर। महंगे प्याज ( Onion price in Rajasthan ) को लेकर संसद से मंडियों तक में घमासान मचा हुआ है। होटलों और रेस्टोरेंट की थाली से ही नहीं घर की रसोई से भी प्याज गायब हो चुका है। लोग प्याज खरीदना तो चाहते हैं, पर भाव सुनकर मुंह मोड़ लेते हैं। प्याज के साथ-साथ अब खाद्य तेल की महंगाई भी जोर पकड़ती जा रही है। जानकारों के अनुसार रबी फसल के प्याज की आवक फरवरी से शुरू होगी। इसके बाद ही प्याज का भाव घरेलू बाजार में कम हो सकता है। मानसून के दौरान बारिश के चलते प्याज की खेती को नुकसान हुआ था। नवंबर में हुई बेमौसमी बारिश के चलते प्याज की फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचा।
इधर किसानों के चेहरे पर खुशी
देशभर में प्याज के बढ़ते दाम से आम आदमी भले ही निराश हो, लेकिन इस साल अलवर जिले में किसानों के घरों में प्याज खुशहाली लेकर आया है। महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में बारिश के कारण प्याज की फसल खराब हो जाने से अलवर के प्याज की मांग बढ़ गई है। ऐसे में अलवर के किसानों को प्याज के भरपूर दाम मिल रहे हैं। इन दिनों अलवर फल-सब्जी मंडी में प्रतिदिन 50 हजार से अधिक कट्टों की आवक हो रही है। वहीं जिले से करीब 10 हजार कट्टे दिल्ली में भी बिकने के लिए जा रहे हैं।
प्रदेश में नहीं हैं अच्छे हालात
– उदयपुर सवीना मंडी में 90 रुपए किलो खुले में बिक रहा प्याज। ज्यादा महंगा होने के कारण बिक्री आधी हुई।
– सीकर में प्याज के खुदरा भाव 80 रुपए और थोक में 50 से 60 रुपए प्रति किलो हैं
– चूरू में थोक भाव 60 से 65 और खुदरा 80 रुपए किलो हैं।
– अलवर फल-सब्जी मंडी में प्रतिदिन 50 हजार से अधिक कट्टों की आवक हो रही है। वहीं जिले से करीब 10 हजार कट्टे दिल्ली में भेजे जा रहे हैं।
– कोटा मंडी में प्याज के दाम 70 से 80 रुपए किलों हैं, जबकि पिछले सीजन 10 रुपए किलो प्याज बिक रहा था।
140 रुपए किलो तक बिका प्याज
गुरुवार को एशिया की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव में लाल प्याज 7000 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिका है। खुदरा बाजार में यही प्याज 100 रुपए से लेकर 140 रुपए किलो तक में बिक रहा है।
अब खाद्य तेल बिगाड़ेगा भोजन का स्वाद
मलेशिया और इंडोनेशिया से आयातित पाम तेल महंगा होने से देश में सोयाबीन और सरसों समेत तमाम तेल व तिलहनों के दामों में तेजी का रुख बना हुआ है। बीते दो महीने में क्रूड पाम ऑयल के दाम में 26 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है। वहीं, सरसों की कीमतों में 300 रुपए क्विंटल की वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि सोयाबीन का दाम करीब 400 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा है। जानकार बताते हैं कि देश में मानसून के दौरान भारी बारिश के कारण खरीफ तिलहन फसल, खासतौर से सोयाबीन के खराब होने और चालू रबी सीजन में तिलहनों की बुवाई सुस्त चलने के कारण घरेलू बाजार में तेल व तिलहनों के दाम में तेजी का रुख बना हुआ है।
Source: Education