कब्ज की समस्या के लिए फायदेमंद हैं ये योगासन
खानपान में गड़बड़ी की वजह से पाचन संबंधी दिक्कतें होती हैं। इसमें कब्ज की दिक्कत भी इसी से जुड़ी है। नींद कम लेने, तनाव, जंक फूड, कम पानी पीने की वजह से भी दिक्कत होती है। रोजाना योगासन करने की विधि और सावधानियों के बारे में योग एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
हलासन – सर्वांगासन के समान दोनों पैरों को क्रमश: 30, 60 और 90 डिग्री तक पांच सेकंड के अंतराल देकर उठाएं। हाथों को जमीन को दबाते हुए धीरे-धीरे पैरों को कमर से मोड़तेे हुए सिर से पीछे की ओर ले जाते हुए जमीन पर टिकाना चाहिए। घुटना सीधा होना चाहिए।
वक्रासन –
दंडासन (पैर आगे की ओर करके सीधे बैठकर) मुद्रा में बैठें। दाएं पैर को मोड़कर बाएं पैर को घुटने के पास रखें। बाएं हाथ व दाएं पैर के घुटने के बाहर से लाते हुए पैर के टखने को पकड़ें। दाएं हाथ को कमर के पीछे जमीन पर टिकाएं। इसके बाद गर्दन को दाएं ओर मोडऩा चाहिए।
शशांकासन –
वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। दोनों हाथों को बगल से सीधे ऊपर की ओर उठाएं। थोड़ी देर रुकें। इसके बाद श्वांस बाहर की ओर छोड़ते हुए आगे की ओर झुककर दोनों हाथों को फैलाएं और दोनों हथेलियों व सिर को जमीन पर टिकाएं।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन –
दंडासन मुद्रा में बैठकर बाएं पैर को मोड़कर बाएं एड़ी को सीने पर लगाएं। बाएं पैर को मोड़कर बाएं घुटने को बाहर की ओर रखें। (दायां घुटना ऊपर उठा हुआ छाती से लगाएं) बाएं हाथ का कंधा दाएं पैर को बाहर से लेते हुए दाएं पैर के अंगूठे को पकड़ें। दाएं हाथ को कमर के पीछे रखें और कटि क्षेत्र को मोड़ते हुए ग्रीवा एवं सिर को दाएं ओर मोड़ें।
सावधानी –
स्लिप्ड डिस्क, हाई ब्लड प्रेशर के मरीज इन योगासनों को नहीं करें। हार्निया, गैस की समस्या, मिर्गी, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को योग विशेषज्ञ के निर्देशन में करना चाहिए। प्रतिदिन रात को सोने से पहले और सुबह उठने के बाद एक गिलास गरम पानी पीना चाहिए।
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Source: Health