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तनाव से बचने के लिए आठ घंटे बाद मस्तिष्क को दें आराम

Peace of Mind: शरीर के साथ मानसिक फिटनेस भी जरूरी है। इसके लिए पूरी नींद, सही खानपान व व्यायाम, करें। इससे मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। याददाश्त भी अच्छी रहती है। निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है। ब्रेन के अलर्ट मोड में ज्यादा समय तक रहने से व्यवहार में बदलाव, निर्णय लेने की क्षमता, याददाश्त और शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। धीरे-धीरे डिप्रेशन में चला जाता है। दिमाग को 8 घंटे रिलैक्स मोड में रखना बहुत जरूरी है। इससे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

पुरुष के मस्तिष्क का औसत वजन 1424 ग्राम और महिला का 1565 ग्राम है। इसमें 75 प्रतिशत से ज्यादा पानी, 10 प्रतिशत फैट और आठ प्रतिशत प्रोटीन होता है। मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर कैमिकल सोते समय बनता है। यह व्यवहार, निर्णय लेने की क्षमता को नियंत्रित करता है। देर रात तक जागने व कम सोने वालों में इसकी कमी से व्यवहार में बदलाव, निर्णय की क्षमता, याददाश्त व स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। व्यक्ति धीरे-धीरे डिप्रेशन में चला जाता है। बच्चों, युवाओं में तेजी से बढ़ रहा गुस्सा, चिड़चिड़ेपन का कारण देर रात सोना, फास्टफूड, हैवी डिनर, कैफीनयुक्त चीजों का ज्यादा प्रयोग, स्मोकिंग प्रमुख वजह है।

जंकफूड खाने से बचें
जंकफूड खाने से दिमाग पर भी खराब असर पड़ता है। इसमें नमक, बैड कार्बोहाइडे्रट तय मात्रा से कई गुना ज्यादा पाए जाते हैं, जो हार्मोनल इम्बैलेंस करते हैं।

मोबाइल-टीवी का प्रयोग
मोबाइल व टीवी का प्रयोग एक घंटे से ज्यादा न करें। रात के समय सोने से पहले मोबाइल-टीवी न देखें। इससे नींद की दिक्कत हो सकती है।

दिमाग तीन अवस्था में करता है काम
दिमाग को स्वस्थ और सही तरीके से काम करने के लिए तीन अवस्थाएं होती हैं। तीनों अवस्थाएं आठ-आठ घंटे की होती हैं। इसके असंतुलन से दिमाग की कार्य क्षमता, शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गलत असर पड़ता है।

अलर्ट मोड
मोबाइल, टीवी के ज्यादा प्रयोग, व्यस्त दिनचर्या, नाइट शिफ्ट, ओवरटाइम वर्किंग, लेट नाइट कल्चर से दिमाग 10-14 घंटे तक अलर्ट मोड पर रहता है। इस समय दिमाग पूरी तरह सक्रिय रहता है।

असर : इस मोड में देर तक रहने से गुस्सा, चिड़चिड़ापन, थकान, माइग्रेन, डिप्रेशन बढ़ता है। निर्णय लेने की क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है।

रिलैक्स मोड
बातचीत, गपशप, म्यूजिक सुनते, फिल्म देखते, हल्के-फुल्के गेम खेलते समय दिमाग रिलैक्स मोड में काम करता है। इस अवस्था में आठ घंटे रहने से शारीरिक व मानसिक सुकून मिलता है।
असर : मस्तिष्क के इस मोड में रहने से अच्छी नींद आती है। चिड़चिड़ापन, तनाव व डिपे्रशन से आराम मिलता है। निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है।

स्लीपिंग मोड
मानसिक व शरीरिक स्वास्थ्य के लिए आठ घंटे तक की नींद लेनी चाहिए। बिना बाधा के जितनी गहरी नींद लेंगे मानसिक स्वास्थ्य के लिए उतना ज्यादा फायदेमंद होगा।
असर : निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। याददाश्त अच्छी रहती है। मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। व्यक्ति का व्यवहार अच्छा रहता है। चिड़चिड़ापन में कमी आती है।

मस्तिष्क को भी चाहिए हैल्दी डाइट
आयुर्वेद में मेदाशक्ति बढ़ाने के लिए समय से सोना व ब्रह्म मुहूर्त में जागने को श्रेष्ठ बताया है। मेद्य रसायन गिलोय, मुलैठी, मंडूकपर्णि, शंखपुष्पी मिलाकर बनाते हैं। इसका प्रयोग करना चाहिए। गाय का घी, हरी-पत्तेदार सब्जियां, बादाम, काजू, बादाम व पिस्ता लें।


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Source: Health