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मिडलाइफ माेटापे से बढ़ सकता है डिमेंशिया का खतरा

dementia And Obesity: अधिक वजन वाले लोग, कृपया ध्यान दें। शोधकर्ताओं ने पाया है कि मिडलाइफ में मोटापे की समस्या आगे चलकर मनोभ्रंश ( Dementia ) के जोखिम को बढ़ा सकती है। हालांकि,पिछले कुछ अध्ययनों में ये माना जाता था की खराब आहार या व्यायाम की कमी से किसी व्यक्ति में मनोभ्रंश का खतरा बढ़ सकता है।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय,ब्रिटेन में अध्ययन लेखक सारा फ्लॉड ने कहा है कि, हमारे अध्ययन के अनुसार खराब आहार या व्यायाम की कमी जैसे कारक मनोभ्रंश ( Alzheimer ) के दीर्घकालिक जोखिम से जुड़े नहीं हैं। हालांकि कुछ समय के लिए ये कारक मनोभ्रंश जोखिम से संबंधित हो सकते हैं।

जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में 1935 से 1950 के बीच यूनाइटेड किंगडम में पैदा होने वाली हर चार महिलाओं में से एक, या लगभग 1,137,000 महिलाएं शामिल थीं।उनकी औसत आयु 56 वर्ष थी और अध्ययन की शुरुआत में उन्हें मनोभ्रंश नहीं था। प्रतिभागियों को अध्ययन की शुरुआत में उनकी ऊंचाई, वजन, आहार और व्यायाम के बारे में पूछा गया।

अध्ययन के लिए, 20 से 25 के बीच बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को वांछनीय माना गया, और 30 या उच्चतर के बीएमआई को मोटा माना गया।

अध्ययन के दौरान जिन महिलाओं ने प्रति सप्ताह, एक से कम बार व्यायाम किया उन्हें निष्क्रिय माना गया, और जिन्होंने अधिक बार व्यायाम किया उन्हें सक्रिय माना गया।

शोधकर्ताओं ने महिलाओं को औसतन 18 साल फॉलो किया। जिसमें अध्ययन की शुरुआत से 15 साल बाद, 18,695 महिलाओं में मनोभ्रंश का निदान किया गया था। शोधकर्ताओं ने उम्र, शिक्षा, धूम्रपान और कई अन्य कारकों को अध्ययन में समायोजित किया।

शोधकर्ताओं ने पाया कि अध्ययन की शुरुआत में जो महिलाएं मोटापे से ग्रस्त थीं, उनमें दीर्घावधि में वांछनीय बीएमआई वाली महिलाओं की तुलना में मनोभ्रंश का 21 प्रतिशत अधिक जोखिम था। मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में 2.1 प्रतिशत, या 177,991 महिलाओं में से 3,948 को मनोभ्रंश का पता चला था।

हालांकि, कम कैलोरी का सेवन और निष्क्रियता अध्ययन के पहले 10 वर्षों के दौरान मनोभ्रंश के एक उच्च जोखिम के लिए जिम्मेदार थे, लेकिन 15 वर्षों के बाद, शुरूआती मोटापा मनोभ्रंश के जोखिम को बढ़ाने वाले मुख्य कारक के तौर पर सामने आया।

फ्लाउड ने कहा कि मिडलाइफ में मोटापा ( obesity ) 15 या उससे अधिक वर्षों बाद भी डिमेंशिया ( Alzheimer ) का जोखिम बढ़ा सकता है। इसके साथ ही मोटापा सेरेब्रोवास्कुलर रोग का भी खतरा बढ़ाता है। सेरेब्रोवास्कुलर रोग बड़ी उम्र में मनोभ्रंश में योगदान देता है।


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Source: Health