गठिया से ब्रेन, हार्ट, किडनी और फेफड़ों पर पड़ता है असर
आर्थराइटिस (गठिया) के मरीजों को सर्दियों में विशेष ध्यान देना होता है। सर्दियों में शरीर में सूजन को बढ़ाने वाले जीन में वृद्धि होती है। इससे सर्दियों में गठिया के रोगी को अधिक दर्द का होता है। समय पर इलाज न होने से इसका असर ब्रेन, हार्ट, किडनी और फेफड़ों पर भी पड़ता है।
लोगों में यह भ्रान्ति है कि आर्थराइटिस एक लाइलाज बीमारी है। इस रोग को नियंत्रित करने और उपचार की कई नवीनतम विधियां उपलब्ध हैं। पहले केवल सामान्य दवाइयां हीरोगियों के लिए उपलब्ध थीं, लेकिन अब बॉयोलॉजिकल मेडिसिन से भी गठिया का उपचार किया जा रहा है। कुछ उपाय अपनाएं जाएं तो सूजन को कम किया जा सकता है। पीड़ित को किसी भी मौसम या जलवायु परिवर्तन के दौरान भी पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। सोने और जागने के लिए निश्चित समय तय करने का प्रयास करें। कम से कम आठ घंटे की नींद लें। यदि वीकेंड पर जल्दी उठना जरूरी नहीं है तो भी सोने के समय में बदलाव नहीं करना चाहिए। यदि समय में परिवर्तन करते हैं तो सप्ताह के दौरान इसे फिर से सेट करना मुश्किल हो सकता है।
नियमित करें कसरत –
आर्थराइटिस को बढ़ने से रोकने के लिए एक्सरसाइज जरूरी है। प्रतिदिन शरीर में खिंचाव लाने वाली एक्सरसाइज को करना चाहिए। इसके अतिरिक्त तनाव से दूर रहना चाहिए। शुरुआती स्टेज में सामान्य दवाइयों से भी इस पर नियंत्रित किया जा सकता है।
Source: Health