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बार-बार शीशे में शरीर और सूरत को देखते हैं तो आपको हो सकती है ये बीमारी

जब कोई व्यक्ति अपनी शारीरिक संरचना और सौंदर्य को लेकर जरूरत से ज्यादा सचेत रहने लगे और हर वक्त शरीर की चिंता करते हुए खुद को आईने में निहारने लगे, तो समझ जाएं कि वह बॉडी डिसमॉर्फिक डिसऑर्डर नामक मानसिक बीमारी से पीड़ित है।

लक्षण –
इस मनोदशा से पीड़ित व्यक्ति तरह-तरह के कॉस्मेटिक या ब्यूटी ट्रीटमेंट करवाता रहता है। फिर भी अपनी बॉडी इमेज के प्रति संतुष्ट नहीं हो पाता। कई बार वह नए लोगों के सामने आने से कतराता या शर्माता है। किसी की नकारात्मक, व्यंग्यात्मक टिप्पणी भी इसकी वजह बन सकती है।

आत्मविश्वास है जरूरी –
इस बीमारी के इलाज में दवाओं के साथ-साथ कोग्निटिव बिहेवियर थैरेपी काफी प्रभावी है। जिसमें मरीज की किसी शारीरिक कमी को दूर करते हुए मनोचिकित्सक उसमें आत्मविश्वास जगाता है ताकि उसमें हीन भावना खत्म हो सके। इसमें डॉक्टर मरीज की उस मानसिक बॉडी इमेज को भी दुरुस्त करते हैं जिसे वह हीन भावना से देखता है।



Source: Health