घर के गमले में उगाएं ये सब्जियां, सेहत के लिए होंगी फायदेमंद
घर में पर्याप्त जगह है तो आप सर्दी की सब्जियों का लुत्फ घरेलू क्यारी से ही उठा सकते हैं। हालांकि इन सब्जियों के बीजों या पौधों को सर्दियां शुरू होने के एक से डेढ़ महीने पहले क्यारी में बोकर पूरी सर्दियों में खाया जा सकता है लेकिन इनमें से कुछ सब्जियां ऐसी भी हैं जिन्हें अभी भी उगाकर सर्दियों में सेहत का लाभ लिया जा सकता है।
पालक –
बीजों को पंक्ति में बोएं। 30-45 दिन में पालक खाया जा सकता है। उगने के दो माह बाद तक पालक खा सकते हैं।
पोषक तत्व : प्रोटीन, विटामिन, फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पौटेशियम
फायदे : खून बढ़ेगा और इंफेक्शन नहीं होगा।
ऐसे खाएं : पालक-पनीर, पालक और सरसों का साग, आलू-पालक, स्पाइनेक सैंडविच और सूप बनाकर
कड़ी पत्ता-
इसे मीठा नीम भी कहते हैं। कड़ी पत्ता उगाने के लिए नर्सरी से इसका पौधा लाकर लगाएं।
पोषक तत्व : प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस
फायदे : इसके काढ़े से उल्टी आनी बंद हो जाती है। कीड़े के काटने पर इसे पीसकर लेप करने से सूजन और दर्द कम हो जाता है।
छोंक लगाएं : सब्जी, दाल, सांभर में छोंक लगाएं व चटनी बनाएं।
गाजर-
इसके बीजों को क्यारी में मेड़ बनाकर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर बोएं। ढाई महीने में गाजर तैयार हो जाएगी। इसके बाद 4 महीने तक गाजर का लुत्फ लें।
पोषक तत्व : आयरन, पौटेशियम, विटामिन, कैल्शियम, फाइबर
फायदे : सर्दी-जुकाम व इंफेक्शन नहीं होगा, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी
ऐसे खाएं : सब्जी, सूप, जूस, सलाद या हलवा बनाएं।
आंवला –
इसकी कलम लगाई जाती है। आंवले के पेड़ को तैयार होने में कम से कम तीन साल का समय लगता है। पांचवे साल में फल आना शुरू हो जाता है।
पोषक तत्व : विटामिन सी
फायदे : खांसी, सांस के रोग, कब्ज में फायदेमंद और खून को साफ करता है।
ऐसे खाएं : चूर्ण, मुरब्बा या चटनी बनाकर खाएं।
धनिया-
धनिए के बीजों को किसी गमले में भी लगा सकते हैं। 3-4 दिन में अंकुर निकल आएंगे। इन्हें चाकू से ही काटें इससे ये लगातार बढ़ते रहेंगे।
पोषक तत्व: कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर
फायदे : थाइरॉयड व डायबिटीज की समस्या में उपयोगी
ऐसे खाएं : मसाले के तौर पर, चटनी बनाएं या सब्जी की सजावट करें।
इन बातों का ध्यान रखें –
बीज लगाने के बाद क्यारी में ज्यादा घेरा न बनाएं, नहीं तो मिट्टी की पपड़ी बीज पर जम जाने से अंकुर नहीं निकल पाएगा।
समय-समय पर गुड़ाई करते रहें।
कीड़ा लग जाए तो नीम के जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करें ये बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।
पाले से पौधों को बचाने के लिए प्लास्टिक कवर से ढकें।
Source: Health
