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HEALTH : फिर किस काम के हेल्थ सप्लीमेंट

जयपुर.

दुनिया में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी तकनीकी बदलाव आ गए हैं, लेकिन कुछ उद्योग भ्रामक प्रचार कर पैसे कमा रहे हैं। इनमें से फूड (आहार) सप्लीमेंट्स सबसे आगे हैं। हर वर्ष अमरीका में विटामिन, मिनरल्स और अन्य तरह के सप्लीमेंट्स पर करीब 2450 अरब रुपए खर्च होते हैं। सप्लीमेंट्स उद्योग और परीक्षण करने वाले विशेषज्ञ दावा करते हैं कि कई सप्लीमेंट फायदेमंद हैं। लेकिन उनके बारे में क्या जो प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करनेे, बाल बढ़ाने, मोटापा कम करने जैसे दावों के साथ आपका पैसा बर्बाद कर रहे हैं। एफडीए सत्यता परखने के बाद ही इन दावों को प्रमाणित करता है, लिहाजा एफडीए की वेबसाइट पर जाकर इस बात की पुष्टि कर लेनी चाहिए।

नेशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लिमेंट्री एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ के उप निदेशक क्रेग होप का कहना है कि इसके नफा-नुकसान को मापने की सरल विधि नहीं है, लेकिन एफडीए की वेबसाइट पर जाकर इसकी पुष्टि की जा सकती है। होप ने कुछ ऐसे सप्लीमेंट्स के बारे में पता लगाया, जो ट्रायल के दौरान फायदेमंद नहीं पाए गए। जैसे सेंट जोन्ज वर्ट, जिंकगो और एकिनेसिया।

एफडीए कई सप्लीमेंट को प्रतिबंधित कर चुका है (fda banned supplements)
सेंटर फॉर साइंस इन पब्लिक इंट्रेस्ट के अध्यक्ष पीटर लुरी एफेड्रा को नुकसान पहुंचाने वाली श्रेणी में रखते हैं। इसे भूख लगने और ताकत वाले सप्लीमेंट के रूप में प्रचारित किया गया। लेकिन इसके प्रयोग से 155 लोगों की जान जाने के बाद एफडीए (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) ने 2003 में इसे बाजार से हटा दिया। ये एकमात्र सप्लीमेंट नहीं है, जिसे प्रतिबंधित किया गया। बीटा-कैरोटीन ने धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ा दिया और विटामिन ई ने प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम बढ़ाया। विटामिन ए की ज्यादा खुराक जन्मदोष का कारण बन सकती है तो ज्यादा आयरन भी घातक है। उनका कहना है कि बड़ा जोखिम इनके अत्यधिक सेवन से बढ़ता है।

कुछ फायदेमंद, लेकिन सब नहीं
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कैरोल हेगन कहती हैं, फोलिक एसिड भ्रूण की तंत्रिका नली संबंधी विकार के जोखिम को कम करता है। इसे आमतौर पर गर्भवती को दिया जाता है। विटामिन बी12 उनके लिए है, जिन्हें खाना ठीक से नहीं पचता। हेगन कहती हैं, ये 50 से अधिक उम्र के लोगों के लिए उपयोगी है। इसके अलावा सप्लीमेंट आहार में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं। लेकिन इसके पर्याप्त सूबत नहीं हैं, जिससे सप्लीमेंट के प्रयोग से सेहत में सुधार आया हो। इन पर एफडीए की नजर है।

मिलावट बड़ी समस्या : लुरी कहते हैं, हमारे पास इनके खतरों को जानने का तरीका नहीं है। मिलावट और गुणवत्ता बड़ी समस्या है। इसे एफडीए की जानकारी में लाना भी जरूरी है।

एक्सपर्ट की सलाह : मानव शरीर को जिन पोषक तत्वों की जरूरत होती है, वे संतुलित आहार में कुदरती रूप से मौज़ूद होते हैं। एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी सप्लीमेंट का सेवन न करें।



Source: Health