world cancer day: कैंसर के इलाज के लिए कारगर साबित हो रही हैं ये नई तकनीक, जानें इनके बारे में
world cancer day: कैंसर के इलाज में कई नई तकनीक के चलते अब न केवल इलाज की सफलता दर बढ़ी है बल्कि उसके साइड इफेक्ट्स (दुष्प्रभाव) भी घट रहे हैं।
इम्युनोथैरेपी (टारगेटेड)-
यह दवा शरीर के उसी हिस्से को टारगेट करती है जहां कैंसर होता है। इस दवा से केवल कैंसर के सेल्स ही मरते हैं। हैल्दी सेल्स को नुकसान नहीं होता है। अभी तक कीमोथैरेपी का असर पूरे शरीर पर होता था। अच्छे सेल्स भी मरते थे, जिससे बालों का झड़ना, जलन और वजन कम होना आदि साइड इफेक्ट होते हैं। इस तकनीक से देश में अभी ब्लड कैंसर का इलाज हो रहा है। अगले 4-5 सालों में दूसरे कैंसर में भी इसका लाभ मिलेगा। 70 प्रतिशत गंभीर मरीज भी ठीक हो रहे हैं।
माइक्रोबायोम वैक्सीन-
सभी प्रकार के कैंसर का सीधा संबंध पेट के बैक्टीरिया से है। इन्हें माइक्रोबायोम कहते हैं। जब हमारे खानपान में गड़बड़ी होती है तो इसका असर माइक्रोबायोम पर पड़ता और कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। अब माइक्रोबायोम से वैक्सीन (टीके) बन रही है जो कि कैंसर के बैक्टीरिया को खत्म कर सके। एचपीवी और टीवी वैक्सीन भी उसी का रूप है। एचपीवी वैक्सीन से सर्वाइकल और टीवी वैक्सीन से ब्लैडर कैंसर से बचा जा सकता है। लिवर व कोलन कैंसर से बचाव के लिए माइक्रोबायोम वैक्सीन तैयार कर ली गई है। हालांकि इसका ट्रॉयल चल रहा है। उसे आने में अभी कुछ और साल लग सकते हैं।
जीन थैरेपी-
इससे ब्लड से जुड़ी बीमारियां और कैंसर ठीक किया जाता है। इससे थैलेसीमिया और हीमोफिलिया का सफल इलाज हो रहा है। जीन थैरेपी में माइक्रो सेल्स स्तर पर इलाज किया जाता है। खराब जीन को निष्क्रिय कर दिया जाता है। इसमें स्टेम सेल्स का उपयोग होता है।
Source: Health