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दांत यदि पड़ जाए काला तो ध्यान देकर इसे बचाएं

01-02 सिटिंग तय की जाती है दांत की बीमारी और रोग की वजह पर। इसके आधार पर रूट कैनाल ट्रीटमेंट की सिटिंग तय होती
03-04 कैनाल जो कि दांतों के अंदर जाती हैं, उनके पल्प में कीड़ा या चोट लग जाए तो दांत खोखला होकर सडऩे लगता है।

रूट कैनाल एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें संक्रमित या क्षतिग्रस्त दांत को निकालने की बजाय उसकी सफाई कर दांत के रंग का मसाला भर दिया जाता है और दांत के ऊपर आर्टिफिशियल दांत यानी क्राउन या कैप लगा दी जाती है। असल में दांत के अंदर मौजूद ३-४ कैनाल में मुलायम हिस्सा पल्प होता है। यह पल्प कीड़ा लगने या चोट से निष्क्रिय हो जाता है। नई तकनीकों के तहत ऐसे माइक्रोस्कोप आने लगे हैं जो दांत के अंदर तक यह पता लगा लेते हैं कि कैनाल व पल्प कितने प्रभावित हुए हैं।
संवेदनशीलता
कोई एक दांत काला पड़ जाए और उसमें दर्द न हो तो व्यक्ति लापरवाही करता है। असल में कैनाल पर आई चोट से पल्प क्षतिग्रस्त होने लगता है जो धीरे-धीरे पूरे दांत को खराब कर देता है। ऐसे ही दांत में कीड़ा लग जाए तो दांत की मजबूत परत पर सबसे पहले असर होता है। धीरे-धीरे यह कीड़ा दांत को प्रभावित करता जाता है। दांत में यदि ठंडी संवेदनशीलता है तो समझें कि केवल फिलिंग की जरूरत है। वहीं गर्म संवेदशनशीलता स्वत: रूट कैनाल की ओर इशारा करती है।
रखें ध्यान
दांतों की सेहत के लिए फाइबर युक्त चीजें खाएं जैसे गाजर, चुकंदर आदि।
एक्सपर्ट : डॉ. अनुपमा सोनी, दंत रोग विशेषज्ञ


Source: Health

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