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Electrolytes: आपको कोमा में पहुंचा सकती है इलेक्ट्रोलाइट की कमी, ऐसे करें पूर्ति

Electrolytes In Hindi: इलेक्ट्रोलाइट शरीर को स्वस्थ रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी मदद से ही शरीर के मुख्य अंग अपना काम ठीक तरह से कर पाते हैं। इलेक्ट्रोलाइट्स सोडियम, पोटेशियम, क्लोराइड, बाई-कार्बोनेट, मैग्नीशियम क्लोराइड आदि का मिश्रण है जो दिल से लेकर दिमाग और किडनी तक को सुरक्षित रखने का काम करता है। किसी भी तत्त्व जैसे पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन या सोडियम आदि एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं। ऐसे में किसी एक का स्तर घटने या बढ़ने से सभी असंतुलित होने लगते हैं। जिसका शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं इलेक्ट्रोलाइट के बारे में कुछ खास बातें

कब होता है असंतुलन
असंतुलन की स्थिति व्यक्ति के लगातार उल्टी व दस्त की समस्या से बनती है। पानी कम पीने से शरीर में नमक की कमी होने लगती है। साथ ही पेटदर्द या दस्त से शरीर में जरूरी पोषक तत्त्व तेजी से घटते हैं। भागदौड़ या वर्कआउट के दौरान निकले पसीने के कारण मिनरल्स बाहर निकल जाते हैं जिनकी पूर्ति होनी जरूरी है।

लक्षण पहचानें
दिन में तीन बार से ज्यादा उल्टी या दस्त होना, मुंह अचानक सूखने लगना, आंखों के नीचे सूजन, अधिक नींद आना, पेट में मरोड़ के साथ हल्का दर्द, कमजोरी व थकान महसूस होना, हाथ-पैरों में कंपन, बदन दर्द, भूख न लगना, चक्कर आना, आंखों से धुंधला दिखाई देना, पेशाब में तकलीफ इसके प्रमुख लक्षण हैं।

गंभीर स्थिति
शरीर में पानी या सोडियम की कमी से स्वभाव चिड़चिड़ा और ब्लड प्रेशर तेजी से घटता है। सोडियम लेवल 135 मिलीइक्वीवेलेंट प्रति लीटर से कम होने पर दिमाग में सूजन आने से झटके आते हैं। यह स्तर 110 से कम होने पर वह कोमा में जा सकता है। वहीं पोटेशियम रक्त में 2 फीसदी और शरीर की कोशिकाओं में 98 फीसदी होता है। यह स्तर कम होने पर हार्ट में ब्लॉकेज की स्थिति पैदा होती है।

इलाज : इस स्थिति में ओआरएस का घोल देते हैं। इमरजेंसी में आईवी फ्लूड और दवाओं के जरिए मिनरल्स की पूर्ति करते हैं। रोजाना 5 ग्राम नमक, हरी पत्तेदार सब्जी, दाल आदि ले सकते हैं। शिकंजी के अलावा दिनभर में कम से कम 10-12 गिलास पानी पीना चाहिए।

होम्योपैथी : पोटेशियम, क्लोराइड की मात्रा को संतुलित रखने के लिए कालीम्यूर दवा देते हैं। नाइट्रीम्यूर सोडियम क्लोराइड के लेवल को और कैलकेरिया दवा कैल्शियम व फॉस्फेट की मात्रा को संतुलित रखती है।

आयुर्वेद : समस्या से बचाव के लिए भोजन के बाद एक केला जरूर खाएं। रात को सोते समय दूध पीना लाभदायक है। नाश्ते में पिंड खजूर व मौसमी फल खाएं। इससे किडनी संबंधी समस्या भी नहीं रहती। गिलोय रस पीने से पीएच स्तर ठीक रहता है। खाने में सेंधा नमक खाएं।



Source: Health