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कीवी दौरे पर पंत को मौका मिलने पर बोले साहा, टीम मैनेजमेंट के फैसले के साथ जाना ही होता है

राजकोट : वर्तमान समय में भारत के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर वृद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha ) हैं, इस बात से शायद ही किसी को इनकार होगा। इसके बावजूद न्यूजीलैंड में टेस्ट सीरीज के दौरान उनकी जगह ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को वरीयता देकर खेलाया गया था। लेकिन टीम मैनेजमेंट के इस फैसले का साहा को जरा भी दुख नहीं है। उन्होंने उक्त बातें रणजी ट्रॉफी फाइनल मैच के बाद कही।

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रणजी फाइनल में दिखाया दम

रणजी ट्रॉफी फाइनल पश्चिम बंगाल और सौराष्ट्र की रणजी टीम के बीच खेला गया था। इस मैच में पहली पारी की बढ़त के आधार पर हालांकि सौराष्ट्र ने जीत हासिल कर लिया, लेकिन साहा का प्रदर्शन विकेट के पीछे और बल्ले दोनों से जोरदार रहा। उन्होंने एक बार फिर साबित किया कि वह भारत के नंबर वन विकेटकीपर हैं। साहा ने विश्वस्तरीय विकेटकीपिंग का नमूना पेश करते हुए सौराष्ट्र की दोनों पारियों को मिलाकर चार शिकार किए। इसमें उन्होंने तीन कैच पकड़े और एक स्टंप किया और पांच दिन के इस खेल में बाई के रूप में अतिरिक्त रन भी बेहद कम 11 दिए। इसके अलावा बंगाल की पहली पारी में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी का नमूना पेश करते हुए 64 रनों का योगदान दिया, जबकि बंगाल को दूसरी पारी में बल्लेबाजी का मौका ही नहीं मिला। इस पारी के दौरान उन्होंने 10 चौके और एक सिक्स लगाया।

न्यूजीलैंड टेस्ट में नहीं मिला मौका

टीम इंडिया हाल ही में न्यूजीलैंड के दौरे पर गई थी। इस दौरे पर भारत ने दो टेस्ट खेला। क्रिकेट प्रशंसकों समेत सभी को यह उम्मीद थी कि टेस्ट सीरीज में तो साहा ही विकेटकीपिंग करेंगे, लेकिन टीम इंडिया ने उनकी जगह बेहतर बल्लेबाज होने के कारण दोनों टेस्ट में ऋषभ पंत को मौका दिया। इन दोनों टेस्ट में पंत का प्रदर्शन औसत से भी नीचे रहा। उन्होंने विकेट के पीछे और बल्ले दोनों से निराश किया।

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साहा ने कहा, नहीं हैं निराश

जब साहा से यह पूछा गया कि उनकी जगह कीवी दौरे पर टेस्ट सीरीज में उनकी जगह अचानक पंत को मैदान पर उतार दिया गया तो यह आपके लिए कितना कठिन था। इस पर साहान ने कहा कि इसका पता उन्हें भी पहले से नहीं था। उन्हें बाद में पता चला। साहा ने बताया कि जब एकादश का चयन होता है तो आमतौर पर सारे खिलाड़ियों को पता होता है, लेकिन उन्हें पहले से पता नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि उनके लिए टीम में न शामिल किए जाने का फैसला मुश्किल नहीं था, क्योंकि इसके बावजूद आप टीम का हिस्सा होते हैं और आपको हर हाल में टीम मैनेजमेंट के फैसले के साथ जाना होता है, लेकिन भीतर से उम्‍मीद भी रखते हैं।



Source: Education